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इंदौर में प्रोफेसरों पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप, हंगामे के बाद किया छह को निलंबित

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नवीन शासकीय विधि महाविद्यालय के छह शिक्षकों पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप लगाया गया है। वे छात्रों से कश्मीर में धारा 370 हटाने का विरोध करते थे। भारतीय सेना पर टिप्पणी करते थे। इसे लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता कॅालेज पहुंचे और हंगामा किया। इसके बाद कॅालेज के छह अतिथि शिक्षकों पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया है।

इन शिक्षकों के नाम प्रो अमिक खोकर, डॅा मिर्जा बेग, डॅा फिरोज अहमद मीर, प्रो सुहैल वाणी, मिलिन्द गौतम और पूर्णिमा बीसे है। इन प्रोफेसरों की शिकायत मिलने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता कालेज पहुंचे ते। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रोफेसर छात्रों को अकेले में बुलाते थे और धारा 370 पर बातें करते थे। कक्षाओं में पढ़ाने के दौरान राष्ट्र विरोधी मानसिकता रखते है और एक ही धर्म से जुड़ी बातें करते है।जिसका पाठ्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं होता है। छात्राओं को रेस्त्रां में चलने और बाहर मिलने के लिए भी प्रोफेसर दबाव बनाते थे। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कालेज प्रबंधन ने शिक्षकों पर कार्रवाई की है। पांच दिनों के लिए उन्हें निलंबित कर दिया। प्रदर्शन करने  वालों को जांच का आश्वासन भी दिया है।

नहीं आए प्रोफेसर 
प्रदशर्न करने  कॅालेज गए प्रदर्शनकारियों ने प्राचार्य  इनामुर्रहमान का घेराव किया और कहा कि वे कॅालेज में चल रही  गतिविधियों पर ध्यान नहीं रखते है। उन्होंने उन प्रोफेसरों को भी बुलाने का दबाव बनाया, जिन पर धार्मिक कट्टरता फैलाने के आरोप लगे,लेकिन वे नहीं आए। प्रदर्शनकारियों में अभाविप के प्रांत मंत्री घनश्याम सोलंकी, दीपेंद्र ठाकुर, लक्की आदिवाल भी शामिल थे।

जांच होने तक निलंबित 
प्राचार्य ने इस मामले में आदेश जारी करते हुए कहा कि इस मामले में एक कमेटी जांच करेगी। जो छात्रों से पूछताछ करेगी। जांच प्रभावित न हो, इसलिए पांच दिनों के लिए छह अतिथि शिक्षकों को निलंबित किया जा रहा है।

 

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