दहेजमुक्त बिहार’ के सरकारी सपने की हकीकत आरा में फिर सामने आई, जब 9 महीने पहले शादी होकर ससुराल आई खुशबू के शव को मायके वालों ने दौड़ते-भागते हुए चिता से उतरवाया और पुलिस से गुहार लगाकर उसका पोस्टमार्टम कराया। युवती की गली दबाकर हत्या का आरोप है, जबकि ससुराल वाले उसके सुसाइड की बात कह रहे। दोनों ही हालत में लाश बिना पुलिस की सूचना के जलाई नहीं जा सकती है, लेकिन चरपोखरी थाना क्षेत्र मदरीहां गांव में ससुराल वालों ने मंगलवार की देर शाम खुशबू की चिता सजा दी। करीब 45 किमी दूर मायके वालों को खुशबू की मौत की सूचना किसी तरह मिल गई थी तो परिजन पुलिस के पास मदरीहा गांव के बाहर श्मशान पहुंच गए और चिता से लाश उतारी गई। डीएम के आदेश से रात में ही सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम करा दिया गया।
मायके वाले बता रहे– पंखा-कूलर और बाइक की मांग थी
खुशबू मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गनौली गांव निवासी स्व. सत्यदेव प्रसाद की 22 वर्षीय बेटी थी। उसकी शादी इसी साल 2022 के फरवरी महीने में चरपोखरी थाना क्षेत्र के मदरीहां गांव निवासी जनु कुमार से हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई थी। मृतका की मां के अनुसार, शादी के बाद से ही खुशबू के ससुर, सास और ननद दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। ससुराल के लोग पंखा, कूलर और मोटरसाइकिल की डिमांड कर मारपीट भी करते थे। डिमांड पूरी नहीं होने के कारण ही मंगलवार को गला दबाकर हत्या कर दी गई।
ससुर ने कहा– बेटी ने बताया कि बहू ने फांसी लगा ली
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मिले मृतका के ससुर का कहना है कि घटना के समय वह खेत में काम कर रहे थे। तभी अचानक उनकी बेटी दौड़ी हुई आई और उसी ने बताया कि बहू ने सुसाइड कर लिया है। हम लोग घर पहुंचे तो देखा कि वह दुपट्टे से फांसी का फंदा लगाकर लटकी हुई है। उन्होंने आत्महत्या के कारण या इस तरह लाश जलाने की जल्दबाजी की वजह पूछने पर कुछ नहीं कहा।