उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कैमरे में कैद हुआ, 2019 में मिली थी मादा बाघ
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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद स्थित उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में सालों बाद बाघ फिर से नजर आया है। यह नर बाघ रिजर्व में लगाए गए टैक कैमरे में कैद हुआ है। इसके चलते वन विभाग के अफसर काफी खुश हैं। वहीं उसकी सुरक्षा को लेकर इंतजाम भी शुरू कर दिए गए हैं। इससे पहले साल 2019 में एक मादा बाघ के होने का पता चला था।
31 अक्तूबर को कैमरे में कैद हुई थी बाघ की फोटो
टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने ऑल इंडिया टाइगर स्टीमेंशन 2022 के अंतर्गत फेज-3 कैमरा टैप एक्सासाइज के दौरान 31 अक्तूबर 2022 को उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघ की फोटो कैमरे में कैद हुई। इसके अतिरिक्त एक साल में बाघ के मल के तीन सैंपल भी देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान (WTI) को भेजे गए थे।
WTI ने भी पुष्टि की
सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया कि WTI ने भी रिपोर्ट में बाघ की पुष्टि की है। हालांकि एक से ज्यादा बाघ होने की पुष्टि डीएन सिक्वेसिंग रिर्पोट से हो सकेगी। यह रिपोर्ट फरवरी से अप्रैल के बीच मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि वनमंत्री मोहम्मद अकबर के नेतृत्व और PCCF (वन्य प्राणी) पीवी नरसिंह राव के निर्देशन में यह हुआ है।
बाघों की लगातार ट्रैकिंग की जा रही
उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण बाघ की आखरी फोटो साल 2019 में उपलब्ध हुई थी, जो कि मादा थी। हाल ही में मिले फोटो और पगमार्ग से नर बाघ के प्रमाण मिले हैं। उन्होंने बतारया कि टाइगर रिजर्व में प्रशासन की ओर से लगातार बाघ की ट्रैकिंग, मॉनिटरिंग और रहवास विकास कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इन कोशिशों के चलते निरंतर अंतराल में बाघ के पगमार्ग, मल और फोटोग्राफ्स मिल रहे हैं। एआईजी राष्ट्रीय बांघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व प्रंबधन को विशेषकर वन अधिकारी कर्मचारी को बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद होने पर बधाई दी गई है ।