-केन्द्रीय मंत्री ने कहा, घरौनी बनाना प्रधानमंत्री की बड़ी सोच का नतीजा
गांव-गांव में सेटेलाइट के माध्यम से घरों का घरौनी बनाना। बने भवनों को उसके मालिक के नाम करने का उद्देश्य सिर्फ मालिकाना हक तक सीमित नहीं है। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बहुत बड़ी सोच है। अब तक शहर में आपके नाम मकान है तो उस पर लोन मिल जाता था, लेकिन गांव में भवन होने पर भी लोन नहीं मिलता। इस घरौंदे से आने वाले दिनों में ग्रामीणों को भी अपने भवन पर लोन मिल सकेगा। ये बातें भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में कही।
लखनऊ पहुंचे गिरीराज सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर दिन ग्रामीण जनता व गांव के विकास की चिंता करते रहते हैं। उसी चिंता का एक प्रतिफल है घरौनी। घरौनी का उद्देश्य एक मात्र मालिकाना हक देना नहीं है। उसका बहुद्देशी उद्देश्य है।
उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि पिता जी चार भाई थे, हम आठ हुए। गांव में घर सिकुड़ गया, सब लोग अपने-अपने हिसाब से बनवाकर रह रहे हैं, लेकिन उस घर का सिर्फ एक ही आधार है कि हम उसमें रहते हैं। खाताबही में सब सराकत में ही है। ऐसे में आप कैसे अथराईज्ड हो सकते हैं। घरौनी बनने के बाद जब आप उसके मालिक हो जाएंगें, तो उस पर हम आजीवन दावा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब घरौनी बन जाएगी तो गांव में भी शहर की तरह सर्किल रेट निर्धारित हो जाएगा। उस सर्किल रेट के हिसाब से हम कहीं भी बता सकते हैं कि इतनी सम्पति मेरे पास है। इससे बैंक से भी आसानी से लोन लिया जा सकेगा। इसके अलावा आये दिन होने वाले विवाद से भी छुटकारा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि गांवों के अधिकांश झगड़े जमीन के कागज न होने के कारण होते हैं। जो जहां कब्जा कर लिया, वहीं उसका हो गया। आगे विवाद का जड़ बढ़ता जाता है और अंत में वह कत्ल के रूप में भी कई बार परिणित हो जाता है। जब घरौनी हो जाएगा तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा और इस तरह के सैकड़ों विवाद नहीं होंगे।