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राष्ट्र के विकास में योगदान देना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य : प्रधानमंत्री

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 प्रधानमंत्री मोदी ने जन समर्थ पोर्टल का किया शुभारंभ

– एक, दो, पांच, 10 और 20 रुपये के सिक्कों की विशेष शृंखला भी की जारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव सिर्फ 75 साल का उत्सव नहीं है। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं के सपनों को पूरा करने, नया जोश भरने और नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ने का क्षण है। उन्होंने आजादी के अमृतकाल में देशवासियों से राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने यह आह्वान विज्ञान भवन में वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के आइकोनिक वीक समारोह के उद्घाटन सत्र के संबोधन में किया। आइकोनिक वीक समारोह का आयोजन 6 से 11 जून तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (एकेएएम) की शृंखला के रूप में किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के समय में देश को सरकार केंद्रित शासन का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। आज 21वीं सदी का भारत जनकेंद्रित शासन दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है। 30 हजार से अधिक अनुपालनों को कम करके, 1,500 से अधिक कानूनों को समाप्त करके, कंपनी अधिनियम के कई प्रावधानों को समाप्त करके हमने सुनिश्चित किया है कि भारत की कंपनियां नई ऊंचाइयों को प्राप्त करें।

प्रधानमंत्री ने क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं के लिए राष्ट्रीय पोर्टल – जन समर्थ पोर्टल का शुभारंभ किया। यह सरकारी क्रेडिट योजनाओं को जोड़ने वाला वन-स्टॉप डिजिटल पोर्टल है। यह अपनी तरह का पहला मंच है जो लाभार्थियों को सीधे ऋणदाताओं से जोड़ता है।

उन्होंने एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह पिछले आठ वर्षों में दोनों मंत्रालयों की यात्रा की जानकारी देती है। प्रधानमंत्री ने एक, दो, पांच, 10 और 20 रुपये के सिक्कों की विशेष शृंखला भी जारी की। सिक्कों की इन विशेष शृंखलाओं में केएएम के लोगो की थीम होगी और दृष्टिबाधित व्यक्तियों द्वारा भी आसानी से पहचाने जा सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के लंबे संघर्ष में जिसने भी हिस्सा लिया, उसने इस आंदोलन में एक अलग आयाम को जोड़ा, उसकी ऊर्जा बढ़ाई। किसी ने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया, किसी ने अस्त्र-शस्त्र का रास्ता चुना, किसी ने आस्था और आध्यात्म, तो किसी ने बौद्धिक आजादी की अलख को जलाने में मदद की। इसलिए आज जब हम आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, तो प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वो अपने-अपने स्तर पर, अपना कोई विशिष्ठ योगदान राष्ट्र के विकास में जरूर करे।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाली सरकार के आठ साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जनकेंद्रित शासन, सुशासन की दिशा में निरंतर प्रयास पिछले आठ वर्षों की पहचान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने भी बीते आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर काम किया है। इस दौरान देश में जो जनभागीदारी बढ़ी, उन्होंने देश के विकास को गति दी है, देश के गरीब से गरीब नागरिक को सशक्त किया है। स्वच्छ भारत अभियान ने गरीब को सम्मान से जीने का अवसर दिया। पक्के घर, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने गरीब की गरिमा बढ़ाई, सुविधा बढ़ाई। कोरोनाकाल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को भूख की आशंका से मुक्ति दिलाई।

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