सर्दियां शुरू होते ही हिमाचल में बिजली उत्पादन 65 फीसदी तक घट गया है। बिजली की मांग रोजाना 280 से बढ़कर 335 लाख यूनिट पहुंच गई है। पड़ोसी राज्यों को गर्मियों के मौसम में उधार दी 138 लाख यूनिट बिजली वापस मिलने से प्रदेश को बड़ी राहत मिली है। प्रदेश के ठंडे मौसम में पंजाब और दिल्ली से मिल रही बिजली गर्माहट पहुंचा रही है। उधर, बिजली संकट की स्थिति टालने को सरकार ने अपने शेयर से 40 लाख यूनिट सप्लाई बोर्ड को देना शुरू कर दिया है।
प्रदेश में सर्दियों के मौसम का आगाज होते ही बिजली परियोजनाओं में पानी की कमी आना शुरू हो गई है। सामान्य दिनों में 90 से 100 लाख यूनिट रोजाना होने वाला उत्पादन घटकर अब 36 लाख यूनिट तक पहुंच गया है। पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद झील और झरने जमने से जलाशयों में पानी की कमी हो गई है। बिजली उत्पादन में आई कमी को सेंट्रल सेक्टर, प्रदेश के स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों से बिजली लेकर पूरा किया जा रहा है। स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों के साथ सरकार का अनुबंध हुआ है। इनकी बिजली को बोर्ड की ओर से नियामक आयोग से तय टैरिफ के आधार पर खरीदा जाता है।
इसके अलावा पंजाब और दिल्ली की दो निजी कंपनियों से गर्मियों में दी सप्लाई को वापस लेकर पूरा किया जा रहा है। उधर, राज्य बिजली बोर्ड प्रबंधन ने भी प्रदेश के उपभोक्ताओं से सर्दियों के मौसम में आवश्यकता अनुसार ही सप्लाई का उपयोग करने की अपील की है। प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल ने कहा कि पीक आवर्स में लोड बढ़ने से सप्लाई प्रभावित न हो, इसके लिए उपभोक्ता सुबह 6:30 से 9:00 और शाम को 6:30 बजे से 10:00 बजे तक जरूरत के हिसाब से ही बिजली का प्रयोग करें। मुख्य सचिव आरडी धीमान का कहना है कि प्रदेश में बिजली की सप्लाई ठीक चल रही है। बिजली कट लगाने की नौबत नहीं आई है। आने वाले दिनों में अगर और जरूरत पड़ी तो बिजली की खरीद भी की जाएगी।
बिजली की मांग : 335 लाख यूनिट रोजाना
– प्रदेश की अपनी परियोजनाओं में उत्पादन : 36 लाख यूनिट
– स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों से की जा रही खरीद : 50 लाख यूनिट
– सेंट्रल सेक्टर से मिल रही बिजली : 85 लाख यूनिट
– हिमाचल सरकार के शेयर से मिल रही बिजली : 40 लाख यूनिट
– पंजाब और दिल्ली की दो कंपनियों से ली जा रही बिजली : 138 लाख यूनिट