गुड्डा गुर्जर को पकड़ने के लिए पुलिस अलर्ट पर थी। गिरोह के मूवमेंट की जानकारी पुलिस को लगातार मिल रही थी। इसके सहारे ही गुड्डा गुर्जर गिरोह तक पहुंचा जा सका। पुलिस द्वारा पहाड़गंज के जंगलों से लगी हुई सीमाओं को सील किया गया था। इसके बाद गुड्डा गुर्जर को पकड़ने में सफलता मिली थी।
ग्वालियर चंबल अंचल में आतंकवाद का खौफ फैलाने वाले डकैत गुड्डा गुर्जर को पकड़ने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने नवंबर की शुरुआत में ही निर्देश दिए थे। गुड्डा गुर्जर पर साठ हजार का इनाम घोषित था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नवंबर माह के पहले हफ्ते में नूराबाद पुलिस ने लोहागढ़ के जंगल से घेराबंदी कर दस हजार के दो इनामी डकैतों को गिरफ्तार किया था। डकैत गुर्जर को कारतूस और राशन बेचने वाले भतीजे को उसी समय गिरफ्तार कर लिया था लेकिन गुड्डा गुर्जर उस वक्त हाथ नहीं आया था। इस छापामारी के दो दिन बाद ही गुड्डा गुर्जर को भंवरपुरा जंगल में मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने घायल कर दिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार देर रात को गुर्जर गिरोह के अंतिम सदस्य को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने काफी राहत महसूस की है।
2002 में गुड्डा गुर्जर ने बनाया था गैंग
वर्ष 2002 में लोहागढ़ के एक गांव में युवक की हत्या करने के बाद गुड्डा गुर्जर ने अपराध की दुनिया में अपना पहला कदम रखा। उसने जंगलों को अपना ठिकाना बनाया। दहशत फैलाने गांव में चिट्टियां भेजकर टेलर टैक्स मांगा करता था। कई वर्षों तक गुड्डा गुर्जर ग्वालियर और शिवपुरी में अपराध करता रहा। 17 नवंबर 2021 को उसने 30 साल छोटी लड़की से शादी करने की डिमांड रखी और नहीं मानने पर उसके चाचा का अपहरण भी कर लिया था।