कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने विवादित बयानों से विपक्ष के निशाने पर हैं। महाराष्ट्र में वीर सावरकर को लेकर दिए बयान पर बवाल मचने के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर की गई टिप्पणी से विवाद छिड़ गया है। भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल को संघ पर कोई भी आरोप लगाने से पहले इतिहास और तारीख का पता करना चाहिए।
राहुल ने गुरुवार शाम खंडवा जिले में टंट्या मामा भील की जन्मस्थली ग्राम बड़ौदा अहीर में कहा था कि आदिवासी इस देश के असली मालिक हैं। भाजपा ने आदिवासियों को वनवासी कहा। इसके पीछे उनकी दूसरी सोच है। इसके लिए भाजपा आदिवासियों से माफी मांगे। अंग्रेजों ने टंट्या मामा को फांसी पर चढ़ाया और संघ की विचारधारा ने अंग्रेजों की मदद की।
संघ को अंग्रेजों का साथी बताने पर पंधाना विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राम दंगोरे ने शुक्रवार को बयान जारी कर राहुल पर करारा हमला किया है। उन्होंने कहा है-‘हम तुमको इसीलिए पप्पू कहते हैं।’ उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी टंट्या मामा को अंग्रेजों ने 04 दिसंबर 1890 को फांसी दी थी, जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आप आरोप लगा रहे हो और केशव बलिराम हेडगेवार, जिन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की, उनका जन्म ही एक अप्रैल 1889 को हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई।
दंगोरे ने कहा है-‘ आप (राहुल गांधी) में इतनी भी अक्ल नहीं है कि आरोप लगाने से पहले कम से कम तारीख तो पता कर लेते। आप कौन सी भारत जोड़ो यात्रा की बात कर रहे हो। आप भारत जोड़ने जा रहे हैं या भारत तोड़ने वाले नारे लगाने वालों को साथ में ले जाने का काम कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा-‘आपकी बहन प्रियंका गांधी कहती हैं लड़की हूं लड़ सकती हूं, लेकिन एक महिला का आपकी पार्टी के विधायक ने शोषण किया। क्या आप उसको अपनी पार्टी से सस्पेंड करेंगे? आप ऐसा कुछ नहीं करेंगे, क्योंकि आपको सिर्फ संघ और भाजपा को बदनाम करने के लिए नई-नई नीतियां बनानी हैं। नए-नए हथकंडे अपनाकर और भ्रामक जानकारियां फैलाकर बदनाम करने का काम करना है। आप बेवजह बीजेपी और संघ को बदनाम कर रहे हैं।’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने अकोला में मीडिया को एक चिट्ठी दिखाते हुए कहा कि सावरकर ने ये चिट्ठी अंग्रेजों को लिखी थी। उन्होंने खुद को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कही थी। साथ ही डरकर माफी भी मांगी थी। गांधी-नेहरू ने ऐसा नहीं किया। इसलिए वे सालों तक जेल में रहे। राहुल गांधी के इस बयान के बाद देशभर में राजनीतिक घमासान मच गया था।