कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रवीण सूद ने बुधवार को कहा, मंगलूरू ऑटोरिक्शा विस्फोट मामले को जल्द ही औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया जाएगा। मुख्य आरोपी मोहम्मद शरीक खुद को हिंदू दिखाना चाहता था। उसका उद्देश्य समुदायों के बीच विभाजन पैदा करना था। सूद ने कहा, धमाका होने पर समुदायों के बीच मतभेद बढ़ जाते हैं। शरीक सांप्रदायिक सद्भाव और एकता को बिगाड़ने का इरादा रखता था।
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने डीजीपी सूद के साथ विस्फोट स्थल का दौरा किया। उन्होंने उस अस्पताल का भी दौरा किया जहां ऑटो चालक पुरुषोत्तम पुजारा का इलाज चल रहा है। मंत्री ने कहा, एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियां विस्फोट वाले दिन से ही कर्नाटक पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं। मामला औपचारिक रूप से एनआईए को सौंपा जाएगा। मंगलूरू में एनआईए के एक कार्यालय को स्थापित करने की मांग को लेकर ज्ञानेंद्र ने कहा, राज्य सरकार ने इसे केंद्र के संज्ञान में लाया है और भरोसा जताया है कि इस तटीय शहर में एक कार्यालय स्थापित किया जाएगा।