दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Election 2022) में आम आदमी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। पार्टी का दावा है कि वह इस बार चुनाव में 230 सीटें जीतकर विधानसभा चुनावों की तरह फिर एक नया रिकॉर्ड बनाएगी। आम आदमी पार्टी किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है और उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, इस पर हमारे संवाददाता ने आम आदमी पार्टी विधायक आतिशी से बात की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-
– बिल्कुल। हमने दिल्ली में यह करके दिखाया है और नगर निगम में करके दिखाएंगे। आज कोई व्यक्ति सुबह अपने घर से बाहर कदम रखता है तो उसका सबसे पहला सामना कूड़े से होता है, वह अपने ऑफिस-दुकान या कहीं और जाए, वहां भी वह कूड़े का ढेर देखता है। शाम को वह घर आए तब तक वह कूड़े के आसपास ही रहने के लिए मजबूर है। हम दिल्ली की यह स्थिति बदलना चाहते हैं। दिल्ली साफ-सुथरी रहे, लोगों को बेसिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, नगर निगम में भ्रष्टाचार मुक्त सभी काम हों, यही हमारी योजना है। कूड़े को साफ करने के लिए पैसे की नहीं, नीयत की कमी है।
प्रश्न- आप नगर निगम से भ्रष्टाचार दूर करने की बात कर रही हैं। आप के कुछ नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जनता के सामने आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार और भाजपा के भ्रष्टाचार में से किसी एक को चुनने जैसी स्थिति बन रही है। क्या आपको लगता है कि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अखिलेश पति त्रिपाठी जैसे नेताओं पर लगे आरोपों का नुकसान उठाना पड़ेगा?
– हमारी जनता बहुत समझदार है। वह इन सारे आरोपों की सच्चाई समझती है। वह स्वयं देखती है कि जब उसे नगर निगम में किसी काम के लिए जाना पड़ता है तब उसे घूस देना पड़ता है, जबकि दिल्ली सरकार के अंदर आने वाले हर विभाग में उसका काम मुफ्त में होता है। यह अंतर ही हमारी पहचान है। हमें नहीं लगता कि भाजपा के लगाए गए आरोपों से जनता के मन में कोई अंतर पड़ने वाला है। उसने भाजपा को नगर निगम से विदा करने का मन बना लिया है और यही चुनाव परिणाम में दिखाई पड़ेगा।
प्रश्न- बीजेपी ने बेहद आक्रामक चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।आपके बड़े नेता गुजरात चुनाव में व्यस्त हैं, इसका कोई नुकसान नहीं हो रहा है? आपकी क्या योजना है?
– हमारा चुनाव प्रचार भी तेज गति से चल रहा है। हमारे नेता- कार्यकर्ता पूरी मेहनत से प्रचार कर रहे हैं। 23 नवंबर से चार दिनों के बीच हम 250 बड़ी सभाएं सभी वार्डों में करेंगे। गुजरात चुनाव के साथ होने से कोई अंतर नहीं पड़ रहा है। दिल्ली का चुनाव दिल्ली के कार्यकर्ता लड़ रहे हैं और गुजरात चुनाव में गुजरात के कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। एक नगर निगम का चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने पूरे देश से जिस तरह मुख्यमंत्री बुलाए हैं, उसी से यह साफ हो जाता है कि उसके पास अपने काम के दम पर जीतने का कोई भरोसा नहीं है। यदि ऐसा होता तो भाजपा अपने काम के दम पर वोट मांगती, लेकिन हम देख रहे हैं कि वे केवल मुद्दे से भटकाने का काम कर रहे हैं। हम जनता के साथ जनता के दम पर चुनाव लड़ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल जी भी समय-समय पर चुनाव प्रचार में जुटेंगे। कोई परेशानी नहीं है। हम 230 सीटें जीतने में कामयाब रहेंगे।