सीरिया में बिगड़ते हालात पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को कहा कि बाहरी ताकतों के सैन्य अभियान शुरू करने के खतरे ने इस युद्धग्रस्त देश में हालात को और खराब कर दिया है।
भारत की यह टिप्पणी तुर्की की उस घोषणा के बाद आई है, जिसमें वह उत्तरी सीरिया में सैन्य अभियान शुरू करेगा और चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा। सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी मिशन में काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि सीरिया में सशस्त्र समूहों को बाहरी समर्थन ने हालात को और जटिल बना दिया है और इसकी वजह से आतंकवाद में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा सीरिया में हिंसा के सभी कृत्यों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानवीय एवं मानवाधिकार कानून के उल्लंघन की निंदा की है। भारत ने सीरिया में जारी सभी तरह की आतंकी घटनाओं की भी कड़े शब्दों में निंदा की है। भारत निरंतर इस बात को रेखांकित करता रहा है कि किस तरह बाहरी ताकतों ने सीरिया को आतंकवाद से निपटने में अक्षम कर दिया है।
इससे पहले भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में सलाहकार ए. अमरनाथ ने कहा था कि आतंकियों व सरकार से इतर तत्वों की सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) तक पहुंच से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
परमाणु, रासायनिक व जैविक हथियारों के प्रसार पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 1540 समिति के खुले परामर्श सत्र में अमरनाथ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन हथियारों के दुरुपयोग के तेजी से बढ़ते खतरे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।