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हनुमान-श्रीराम की कथा गाने मात्र से मिलती है भवसागर से मुक्ति : अरविंद भाई ओझा

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हनुमत कथा व्यास अरविंद भाई ओझा ने कहा कि भक्त शिरोमणि हनुमान और प्रभु श्रीराम की कथा गाने मात्र से भवसागर से मुक्ति मिल जाती है। हमें हनुमत और श्रीराम के जीवन चरित्र की गाथा को साथ-साथ गाना चाहिए।

गाजियाबाद़ जनपद के फरीदनगर स्थित शिव मंदिर में सोमवार को हनुमत कथा के विराम दिवस पर कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने कहा कि लंका विजय के बाद प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया कि हनुमान मेरे सहित जो तेरी कीर्ति गाएगा, वह बिना प्रयास ही भाव सागर से पार हो जाएगा। इसलिए हमें हनुमत और श्रीराम के जीवन-चरित्र की कथा को साथ-साथ गाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुन्दर कांड की कथा भगवान की भक्तों पर अनुग्रह की कथा है। भगवान हमें बताना चाहते है कि जो मुझसे व स्वयं धर्म से कर्तव्यों से विमुख हो जाते है, मैं उन्हें अपने सम्मुख करने के लिए स्वयं प्रयास करता हूँ और शरणागति के लिए हनुमान जी जैसे आचार्य को भी भेज कर पुरुषार्थ करवाता हूं। जीवन को सुखद बनाने साधन भक्ति है, जो भगवान की शरणागति से प्राप्त होती है अन्यथा ज्ञानी पुरूष तो अर्जुन की तरह प्रश्न करता रहता है। यही ज्ञान जब भक्ति की अग्नि पर तपता है, तभी जीवन में वैराग्य उत्पन होता है और वैराग्यवान भक्त को भगवान अभय करते हैं। अरविंद भाई ओझा ने कहा कि लंका में माँ जानकी की स्थिति को देखकर हनुमान जी को अपना शिव रूप याद आ गया और उन्होंने अपने कोप से लंका को जला दिया। सुन्दर कांड में माँ जानकी हमें संदेश देना चाहती है कि मृत्यु का भय होने पर भी हमे अपने सतीत्व की रक्षा कैसे करनी चाहिए, इसलिए आज हमें अपनी बेटियों को राजा दाहिर की पुत्रियों सूर्या, परमाल, हांडा रानी, दुर्गावती, झलकारी बाई और लक्ष्मी बाई की कहानियां सुनानी चाहिए। कथा में डॉ. पवन सिंघल, चौधरी कृष्णवीर, मनोज शर्मा, वेदप्रकाश, अजय सिंघल, अनुज शर्मा, रोहित तोमर आदि उपस्थित रहे। कथा में आए भक्तों ने मन्दिर में निर्माण कार्य के लिए खुले हाथों से दान दिया और शिव मंदिर युवा कथा समिति ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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