एआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद व उनकी पत्नी की हत्याके अभियुक्त मुनीर की जेल में बीमारी से मौत हो गई है । इस बहुचर्चित हत्याकांड में दो आरोपियों मुनीर व रैय्यान को कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी ।
गौरतलब है कि 2016 की रात को एन आई ए अफसर व उनकी पत्नी को जनपद बिजनौर के सहसपुर में लौटते समय मुनीर व रैय्यान ने गोली बरसाकर मार डाला था। इस हत्याकांड के 86 दिन बाद मुनीर की गिरफ्तारी नोएडा से की गई थी ।कोर्ट में मुकदमा चलने के बाद दोषी ठहराये जाने में कुल 107 तारीखें पड़ीं। 19 गवाह पेश हुए , जबकि आरोप पत्र में 44 गवाह बनाए गए थे,जिसके बाद दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई थी। मुकदमे की सुनवाई में 6 साल एक माह 18 दिन का समय लगा ।
मुनीर की सोनभद्र जेल में सोमवार 21 नवम्बर को मौत हो गई । मुनीर पर लूट व हत्या के कुल 33 मुकदमे दर्ज हैं जिसमें अलीगढ़ में ही 12 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।अफसर तंजीम की हत्या के बाद मुनीर की गिरफ्तारी पर उसके कारनामे खुलकर आए।
तंजीम अहमद की हत्या में आधुनिक हथियार का उपयोग किया गया था जिसके कारण तंजीम अहमद को 33 गोली लगी थी । इनके साथ पत्नी के अलावा बेटे शहबाज़ व बेटी जिमनिश ने सीट के नीचे घुसकर जान बचाई थी। बच्चों को तंजीम अहमद ने स्थिति भांपकर सीट के नीचे बैठने को कहा था जिसके कारण बच्चे बच गये थे | इस हत्याकांड में मुनीर, रैय्यान सहित कुल पांच को आरोपी बनाया गया था जिसमें तीन साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए थे ,जबकि मुख्य आरोपी मुनीर व रैय्यान को 20 मई 2022 में दोषी करार देते हुए 21 मई 2022 में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी ।मुनीर ने गिरफ्तारी के बाद एके 47 से हत्या किये जाने की बात स्वीकार करते हुए बताया था कि बिजनौर में ही 90 लाख की लूट हथियार लेने के लिए की थी, जिसमें तंजीम अहमद पीछे पड़े हुए थे ।इसलिए तंजीम अहमद की हत्या कर दी।
गौरतलब है कि एनआईए अधिकारी तंजीम अहमद व मुनीर एक ही जगह सहसपुर के ही निवासी थे। मुनीर को कई मुकदमों में सजा सुनाई जानी थी पर अब उसकी मौत के बाद मामले का पटाक्षेप ही हो गया है।