गोवा में रविवार की शाम को 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का आगाज हो गया है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने महोत्सव का उद्घाटन किया। 28 नवम्बर तक चलने वाले इस फिल्म महोत्सव में इस साल 79 देशों की 280 फिल्में दिखाई जाएंगी। भारत की 25 फीचर फिल्मों और 20 गैर-फीचर फिल्मों को ‘इंडियन पैनोरमा’ में दिखाया जाएगा, जबकि 183 फिल्में अंतरराष्ट्रीय प्रोग्रामिंग का हिस्सा होंगी।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया दुनिया भर के फिल्म निर्देशकों के लिए अपना काम दिखाने का एक मंच बन गया है। मुझे यकीन है कि भारत सह-निर्माण, पोस्ट-प्रोडक्शन, फिल्म शूटिंग और प्रौद्योगिकी भागीदारों के लिए भी एक केंद्र बन जाएगा। ओपनिंग फिल्म के लिए रेड कार्पेट और ऑस्ट्रियाई निर्देशक डाइटर बर्नर की फिल्म अल्मा और ऑस्कर के वर्ल्ड प्रीमियर के मौके पर मंत्री ने कहा कि हर साल, त्योहार बड़ा और बड़ा होता जा रहा है। इस साल कई प्रीमियर हैं। इस वर्ष आईएफएफआई में 79 से अधिक देशों की 280 फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस साल की दादासाहेब फाल्के पुरस्कार विजेता आशा पारेख की तीन फिल्में तीसरी मंजिल, दो बदन और कटी पतंग, ‘आशा पारेख रेट्रोस्पेक्टिव’ के हिस्से के रूप में दिखाई जाएंगी। पूर्वोत्तर भारत की फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए 5 फीचर और 5 गैर-फीचर फिल्में मणिपुरी सिनेमा की स्वर्ण जयंती मनाएंगी। 26 नवंबर को होने वाला शिग्मोत्सव (वसंत महोत्सव) और 27 नवंबर को होने वाला गोवा कार्निवल हैं। आजादी का अमृत महोत्सव की थीम पर सीबीसी प्रदर्शनी का आयोजन करेगी।
समारोह में देश भर के फिल्म कलाकार और देश-विदेश के संगीत और नृत्य समूह अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। उद्घाटन समारोह में स्पेन के फिल्म निर्देशक कार्लोस सौरा को सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया। महोत्सव की शुरुआत ऑस्ट्रियाई निर्देशक डाइटेर बर्नर की फिल्म अल्मा एंड ऑस्कर के साथ हुई।
इफ्फी में इस वर्ष दिव्यांगजन स्पेशल सेक्शन सिनेमा को सभी के लिए समावेशी और सुगम्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस खंड में, दिव्यांग दर्शकों के लिए फिल्म स्क्रीनिंग और आयोजन स्थल के बुनियादी ढांचे तथा प्रबंधन के प्रारूपों के संदर्भ में उनकी पहुंच की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से स्क्रीनिंग का आयोजन किया जाएगा। दिव्यांगजनों की विशेष जरूरतों के लिए आयोजन स्थल के बुनियादी ढांचे को भी नया रूप दिया गया है। फिल्मों की स्क्रीनिंग स्थलों को रैंप, हैंडरेल, दिव्यांगजनों के अनुकूल, पार्किंग स्थल, रेट्रोफिटेड शौचालय, ब्रेल में साइनबोर्ड आदि के प्रावधानों के साथ सुगम बनाया गया है।
इस खंड की फिल्मों में एम्बेडेड उपशीर्षक के साथ ही ऑडियो विवरण भी उपलब्ध कराया जायेगा। ऑडियो विवरण विशेष रूप से तैयार किए गए ऑडियो ट्रैक हैं, जो किसी भी फिल्म में दृश्य के बारे में उपलब्ध जानकारी का वर्णन करते हैं। दिव्यांग दर्शक उसी को सुन सकते हैं, जो फिल्म की सामग्री दर्शकों तक पहुंचाई जाती है, या फिर जो आसानी से दिव्यांगजनों तक पहुंचने योग्य नहीं है। इसके अलावा रिचर्ड एटनबरो की ऑस्कर विजेता फिल्म गांधी और अनंत नारायण महादेवन द्वारा निर्देशित द स्टोरीटेलर जैसी फिल्में एम्बेडेड ऑडियो विवरण तथा उपशीर्षक के साथ ऑडियो-विजुअल से सुसज्जित होंगी।