मायानगरी में किस्मत आजमाने आने वाले लोगों को यहां लंबे संघर्ष से गुजरना पड़ता है। स्ट्रगल करते हुए कुछ को मंजिल मिल जाती है तो कुछ निराश होकर लौटने का प्लान बना लेते हैं। ऐसा ही कुछ हीमैन धर्मेंद्र के साथ होने वाला था। बता दें कि बॉलीवुड में धरम जी का स्ट्रगल काफी लंबा और कठिन रहा। रिपोर्ट्स के मुताबिक हीरो बनने का सपना लेकर मुंबई आए धर्मेंद्र को कई बार संघर्ष के दिनों में भूखे-प्यासे रहना पड़ा। आखिर में उनकी भी हिम्मत टूट चुकी थी और उन्होंने माया नगरी छोड़ने का मन बना लिया,लेकिन इसके बाद मनोज कुमार की एंट्री हुई और जैसे पूरी तस्वीर ही पलट गई।
धर्मेंद्र
बता दें कि पंजाब के भगवाड़ा जिले के सनावर के रहने वाले धर्मेंद्र अनाज के ट्रक में बैठकर कभी मुंबई अपनी किस्मत आजमाने आए थे। लेकिन, इस शहर में उनके शुरुआती दिन बेहद मुश्किल भरे बीते। रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने संघर्ष के दिनों में धर्मेंद्र की मुलाकात मनोज कुमार से हुई। मनोज कुमार भी उन दिनों इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे। यहीं मनोज कुमार और धर्मेंद्र की दोस्ती हुई।
स्ट्रगल के दिनों में मनोज कुमार घोस्ट राइटिंग करके अपना खर्च निकाल लिया करते थे। लेकिन, धर्मेंद्र के पास रहने से लेकर खाने-पीने तक की दिक्कत थी। धर्मेंद्र लंबे समय तक जब स्ट्रगल करते-करते और भूख-प्यास से लड़ते हुए थक गए तो उन्होंने वापस गांव लौटने का फैसला कर लिया। मनोज कुमार ने धर्मेंद्र की उन दिनों काफी मदद की थी, लेकिन धर्मेंद्र अच्छे ब्रेक का इंतजार कर-करके थक गए थे और घर वापसी की तैयारी पूरी कर ली।एक दिन धर्मेंद्र ने घर लौटने के लिए मन पक्का किया और ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन रवाना हो गए। अचानक मनोज कुमार को यह बात पता चल गई। वह तुरंत स्टेशन पहुंचे और धर्मेंद्र को ट्रेन से उतार ले आए। मनोज कुमार ने धर्मेंद्र से वादा किया कि वह उन्हें अच्छा ब्रेक दिलाएंगे। वह धैर्य रखें। धर्मेंद्र को मनोज कुमार की जिद के आगे झुकना पड़ा और वह ट्रेन से उतर आए। मनोज कुमार की जिद ने धर्मेंद्र के अंदर एक जज्बा पैदा कर दिया था और वह दोबारा इंडस्ट्री में संघर्ष के लिए तैयार हो गए। जल्दी ही उन्हें सफलता भी मिली। काफी वक्त बाद जब हेमा मालिनी को इस घटना का पता चला तो वह भी हैरान रह गईं।