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इस अभिनेता ने बदरुद्दीन जमालुद्दीन को ऐसे बना दिया जॉनी वॉकर, कभी बस कंडक्टर की करते थे नौकरी

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हिंदी सिनेमा का वह सितारा जिसने अपनी कॉमेडी और एक्टिंग के दम पर हिंदी सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई। ऐसा कलाकार जिसकी कॉमिक टाइमिंग से हमेशा लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, कॉमेडी के इस धुरंधर को दुनिया जॉनी वॉकर के नाम से जानती है। जॉनी वॉकर जिन्होंने 60 और 70 के दशक में दर्शकों के चेहरे पर खूब मुस्कान बिखेरी। जब भी भारतीय सिनेमा में बेस्ट कॉमेडियन की बात की जाती है तो उसमें जॉनी वाकर का नाम सबसे पहले आता है। आज इस मशहूर कॉमेडियन की 96वीं बर्थ एनिवर्सरी है। तो चलिए इस खास मौके पर उनसे जुड़ी कुछ बातें आपको बताते हैं-
जॉनी वॉकर का जन्म 11 नवंबर 1926 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। शायद बेहद ही कम लोगों को उनका असली नाम पता हो। जॉनी वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था। जॉनी वॉकर के पिता एक फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। घर की स्थिति ठीक न होने के कारण जॉनी भी छोटी उम्र से ही काम करने लगे। जब इंदौर में वो फैक्ट्री बंद हुई, तो काम की तलाश में जॉनी वॉकर का पूरा परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया। मुंबई की जिंदगी इतनी आसान न थी. पेट भरने और परिवार को दो पैसे की आमदनी हो इसके लिए जॉनी ने बस कंडक्टर की नौकरी कर ली। उस जमाने में उन्हें हर महीने की तनख्वाह 26 रुपये मिलती थी।
जॉनी अपने अंदाज में बस यात्रियों का मनोरंजन करते हुए अपना काम करते थे। इस दौरान एक बार बलराज साहनी की नजर उनपर पड़ी। इसके बाद बलराज साहनी ने निर्देशक गुरु दत्त को जॉनी वॉकर के बारे में बताया। उस समय गुरु दत्त अपनी फिल्म बाजी की तैयारी कर रहे हैं। बलराज साहनी ने जॉनी वॉकर को गुरु दत्त से मिलने की सलाह दी। इसके बाद गुरु दत्त के सामने उन्होंने शराबी की एक्टिंग की जो गुरु दत्त को काफी पसंद आई और उन्होंने जॉनी वॉकर को फिल्म बाजी में रोल दिया। इस फिल्म में अभिनेता देव आनंद और अभिनेत्री गीता बाली मुख्य भूमिका में थीं। यहां ये उनकी किस्मत का बंद दरवाजा खुला और इसके बाद जॉनी बॉकर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी को फिल्मों में जॉनी वॉकर के नाम से जाना जाता था। उनके नाम बदलने के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। बताया जाता है कि जॉनी ने शुरुआत में अपने असली नाम से ही कई फिल्मों में काम किया था। अधिकतर फिल्मों में शराबी के किरदार करने की वजह से  फिल्म निर्देशक और अभिनेता गुरु दत्त ने उनका नाम एक पॉपुलर व्हिस्की ब्रांड के नाम पर जॉनी वॉकर रख दिया था।
जॉनी वॉकर ने अपने फिल्मी सफर में तकरीबन 300 फिल्में की, जिसमें ‘जाल’, ‘आंधियां’, ‘नया दौर’,  ‘टैक्सी ड्राइवर’, ‘मुधमती,’ ‘कागज के फूल’, ‘गेटवे ऑफ इंडिया,’ ‘मिस्टर एक्स,’ ‘मेरे महबूब,’ ‘साईआईडी’ जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं। जॉनी वॉकर को पहला फिल्मफेयर अवार्ड कॉमेडी के लिए नहीं बल्कि फिल्म ‘मधुमती’ में स्पोर्टिंग एक्टर के रोल के लिए  मिला था। इसके बाद फिल्म ‘शिकार’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

कर, कभी बस कंडक्टर की करते थे नौकरी

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