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छात्र संघ चुनाव बनता जा रहा राजनीतिक मुद्दा

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छात्रसंघ चुनाव राजनीतिक मुद्दा बनते जा रहे हैं। एवीवीपी, एनएसयूआई समेत सभी संगठन चुनाव की मांग कर रहे हैं, जबकि भाजपा और कांग्रेस में भी छात्र राजनीति को लेकर तलवारें खिंच गई हैं।

डीएवी पीजी कालेज में पिछले एक सप्ताह से अनशन पर बैठे संयुक्त छात्र संघर्ष समिति के दो छात्र नेता अलग-अलग मोबाइल टाॅवरों पर चढ़कर चुनाव की मांग करने से राजनीति गरमा गई है। इस संदर्भ में कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती है। छात्रों की मांग पूरी तरह उचित है। कांग्रेस नेता नवीन जोशी का कहना है कि भाजपा चुनाव न कराकर छात्रों को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश के छात्र आंदोलित है। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रसंघ चुनाव कराने से कतरा रही है। यह छात्रों का अधिकार है। सरकार को चाहिए कि वह छात्रसंघ के चुनाव कराएं। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत साफ नहीं दिखती। इसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता एवं वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र सिंह बिष्ट का कहना है कि यह विश्वविद्यालयों का अधिकार है। छात्रसंघ के चुनाव सही तरह से सम्पन्न हो यह आवश्यक है। इसमे न तो शिक्षा मंत्री का कोई दोष है और न ही व्यवस्था का। बिष्ट ने कहा कि विश्वविद्यालयों के स्वतंत्र चुनाव होते हैं। इस मामले में सरकार हस्तक्षेप नहीं करती।

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