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बर्फ की सफेद चादर में लिपटे पहाड़, बदरीनाथ की इन खूबसूरत तस्वीरों से नजर नहीं हटेगी

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पहाड़ आज सुबह बर्फ की सफेद चादर में लिपटे नजर आए। बदरीनाथ धाम का बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिला। बदरीनाथ धाम में मौसम ने करवट बदली और धाम में बर्फबारी हुई। बर्फबारी से यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। चमोली जिले में सुबह से ही मौसम खराब था। धाम में ऊंची चोटियों पर ताजी बर्फ जम गई है। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है जिससे मौसम में ठंडक आ गई है।

यमुनोत्री धाम सहित आसपास की चोटियों पर भी बर्फबारी हुई, तो निचले हिस्से यमुना घाटी में बूंदाबांदी जारी है। पहाड़ों पर बर्फबारी से कड़ाके की ठंड का अहसास होने लगा है। वहीं दूसरी ओर हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा के बाद अचानक मौसम ने करवट बदली है। बुधवार तड़के कोहरा छा गया और इसके बाद दिनभर आसमान में बादल छाए रहे।

इससे तापमान में मामूली गिरावट दर्ज हुई। इस हफ्ते से तापमान गिरने की संभावना है। सितंबर और अक्तूबर में रिकार्ड बारिश हुई। इसका असर कोहरा और कड़ाके की ठंड के रूप में दिखेगा। शहर में सुबह चार बजे से कोहरा छाने लगा था। गंगा किनारे सात बजे तक हल्की धुंध रही। इसके बाद ठंडी हवा चलने लगी।

 

नरेंद्र रावत के मुताबिक इस साल अब तक 916 एमएम बारिश हुई। जबकि पिछले साल 938 एमएम बारिश रिकार्ड हुई है। इस साल सितंबर-अक्तूबर में 360 एमएम बारिश हुई, जो कि रिकार्ड है। आमतौर पर सितंबर-अक्तूबर माह में 70 से 72 एमएम बारिश होती है। मानसून सत्र के शुरुआत के बजाय आखिर में बारिश होने का असर ठंड और कोहरे के रूप में देखने को मिलेगा। पिछले सालों की तुलना में इस बार ठंड अधिक होगी।

नरेंद्र रावत के मुताबिक इस साल अब तक 916 एमएम बारिश हुई। जबकि पिछले साल 938 एमएम बारिश रिकार्ड हुई है। इस साल सितंबर-अक्तूबर में 360 एमएम बारिश हुई, जो कि रिकार्ड है। आमतौर पर सितंबर-अक्तूबर माह में 70 से 72 एमएम बारिश होती है। मानसून सत्र के शुरुआत के बजाय आखिर में बारिश होने का असर ठंड और कोहरे के रूप में देखने को मिलेगा। पिछले सालों की तुलना में इस बार ठंड अधिक होगी।

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