उत्तर भारत के सबसे बड़े झिड़ी मेले में बुधवार तक तीन लाख से ज्यादा लोगों ने बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के दरबार में माथा टेककर सुख-समृद्धि की मंगल कामना की। हालांकि बुधवार को मौसम खराब होने के कारण अधिक संख्या में श्रद्धालु नहीं पहुंच पाए।
रात के समय मेला स्थल पर करीब 20 हजार लोग दिखाई दिए। वीरवार को मेले में डोगरी पगड़ी बांधने और वैदिक मंत्रों के उच्चारण की प्रतिस्पर्धा करवाई जाएगी। शुक्रवार को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी बाबा जित्तो के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचेंगे। वे डोगरी पगड़ी बांधने और वैदिक मंत्रों के उच्चारण में विजेता रहे प्रतिभागियों को सम्मानित करेंगे।
मेले में दूसरे राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं का घर वापसी का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। बुधवार दोपहर तक दूसरे राज्यों से आए हुए करीब 70 प्रतिशत श्रद्धालु वापस घरों के लिए रवाना हो गए। देश के विभिन्न राज्यों से बाबा जित्तो व बुआ कौड़ी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रशासन ने हर संभव प्रयास किए हैं।
इस बार प्रशासन द्वारा मेला स्थल तथा उसके आसपास के क्षेत्र की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। 24 घंटे मेला स्थल पर साफ-सफाई रखने के लिए भारी संख्या में सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं। एसडीएम मढ़ राजीव खजूरिया ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
हालांकि बुधवार को बारिश के कारण कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं को थोड़ी समस्या उठानी पड़ी। मेले के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मेले में 24 घंटे 3 एंबुलेंस तैनात की गई हैं और 3 मेडिकल कैंप लगाए गए हैं।
मेले के दौरान कोई अप्रिय घटना घटित न हो इसके लिए दमकल विभाग की गाड़ी भी 24 घंटे मेला स्थल पर है। झिड़ी मेला किसानों के मसीहा बाबा जित्तो तथा बुआ कौड़ी की याद में हर वर्ष मनाया जाता है। 7 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले लाखों की संख्या में श्रद्धालु झिड़ी पहुंच गए थे।