पीलीभीत जिले में सहायक यातायात निरीक्षक के पद पर तैनात 55 वर्षीय रामपाल सिंह ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। इससे पहले उन्होंने अपने बेटे को व्हाट्सएप पर मेसेज किया कि मैं दुनिया छोड़कर जा रहा हूं। बाद में बेटे ने कई कॉल कीं, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं की। उनका शव कमरे में पड़ा मिला। सहायक यातायात निरीक्षक रामपाल सिंह मूलरूप से कन्नौज जिले के छिबरामऊ थाना क्षेत्र के गांव कुंवरपुर बनवारी के निवासी थे। परिवारवालों के मुताबिक दो माह पहले वह बदायूं में बुकिंग क्लर्क के पद पर तैनात थे। उसी दौरान उनका सहायक यातायात निरीक्षक के पद पर प्रमोशन हुआ था। तब उनका पीलीभीत जिले में ट्रांसफर हो गया। फिलहाल वह रोडवेज बस स्टैंड के पीछे वाटरवर्क्स रोड पर ही किराये के मकान में रह रहे थे। वह यहीं से पीलीभीत के लिए आते-जाते थे।
उनके रिश्तेदारों के मुताबिक रामपाल सिंह ने मंगलवार तड़के साढ़े तीन बजे अपने बेटे चंदन सिंह को व्हाट्सएप पर मैसेज किया था कि वह यह दुनिया छोड़कर जा रहे हैं।
सुबह जब चंदन की आंख खुली तो उसने अपना मोबाइल देखा, इसमें पिता का मैसेज पढ़कर वह हैरान रह गया। उसने पिता को कई बार कॉल की, लेकिन जब कॉल रिसीव नहीं हुईं तो उसने रोडवेज में तैनात कुछ परिचित ड्राइवर और परिचालकों को कॉल करके जानकारी दी।
कुछ कर्मचारी उनके कमरे पर पहुंचे, जहां उनका शव पड़ा मिला। खबर सुनकर परिवारीजन कन्नौज से बदायूं चल दिए। इधर, तब तक कर्मचारियों ने पुलिस को बुला लिया।
उनके कमरे में एक जहरीले पदार्थ की शीशी मिली है। उनका शव मोर्चरी में रखवा दिया गया। परिजनों के पहुंचने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं
सहायक यातायात निरीक्षक रामपाल सिंह ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या क्यों की, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। परिवार वाले भी इसकी जानकारी से इन्कार कर रहे हैं। पुलिस छानबीन में लगी हुई है।
रामपाल सिंह दो माह पहले बदायूं में बुकिंग क्लर्क के पद पर तैनात थे। दो माह पहले उनका प्रमोशन सहायक यातायात निरीक्षक के पद पर हुआ था। तभी उनका पीलीभीत ट्रांसफर हो गया। मंगलवार सुबह हमारे कुछ ड्राइवर और परिचालक उन्हें देखने पहुंचे थे। उनके नंबर पर परिवारवालों की कॉल आई थी कि उन्होंने शायद आत्महत्या कर ली है। कमरे से एक जहरीले पदार्थ की शीशी मिली है।