देव दीपावली पर्व पर सोमवार देर शाम राजघाट पुल पर बने फुटओवर ब्रिज की रेलिंग भीड़ के कारण अचानक टूट गई। जिसके चलते दर्जन भर लोग जमीन पर गिरकर घायल हो गए। संयोग ही रहा कि फुटओवर ब्रिज के दूसरे छोर और ऊपर की रेलिंग नहीं टूटी। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। हादसा से भीड़ में भगदड़ मचने के पहले ही मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों ने स्थिति संभाल ली।
घायलों को आनन-फानन में कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। जिसमें एक की हालत गंभीर देख उसे बीएचयू अस्पताल के लिए चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। सूचना पर कमिश्नर कौशलराज शर्मा, काशी जोन के डीसीपी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अन्य अफसर भी अस्पताल में पहुंच गये।
देव दीपावली पर्व पर राजघाट और नमोघाट पर दीपोत्सव और आतिशबाजी की छटा देखने के लिए शाम से ही घाट पर हजारों की भीड़ जुट गई थी। देर शाम कार्यक्रम के समापन के बाद लोग वापस लौटने लगे। जल्दी के चक्कर में लोग राजघाट पुल से काशी स्टेशन की ओर जाने जाने वाली फुटओवर ब्रिज से जाने लगे। इसी दौरान भीड़ का दबाव न सहने पर जर्जर रैंप की रेलिंग टूट गई। इससे दर्जन भर लोग नीचे गिरकर घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को आनन-फानन मंडलीय चिकित्सालय भेजने के बाद वहां बैरिकेडिंग कर भीड़ को रोक उन्हें सुरक्षित निकाला।
मौके पर मौजूद आदमपुर थाना प्रभारी अजित वर्मा, एडिशनल डीसीपी यातायात, काशी रेलवे स्टेशन के अधीक्षक ने पुलिस कर्मियों की मदद से भीड़ को नियंत्रित करने के बाद टूटे फुटओवर ब्रिज का रास्ता बंद करवाने के बाद लोगों को दूसरे रास्ते से सुरक्षित निकलवाया।
प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि फुटओवर पुल की जर्जर हो चुकी रेलिंग का निचला हिस्सा टूटा। जिससे लोग चार-पांच फीट नीचे गिरे नीचे ककंड और पत्थरों से उन्हें चोट लगीं। कहीं पुल का ऊपरी रेलिंग टूटता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
घायलों में चौबेपुर उमरहा निवासी 40 वर्षीय माधुरी का एक हाथ फ्रैक्चर हो गया। उनके चार वर्षीय नाती सुहानी के सिर में चोट आई हैं। आदमपुर कोनिया निवासी 30 वर्षीय जितेंद्र का पैर टूट गया है। कायस्थ टोला-प्रहलाद घाट निवासी सौम्या को हाथ-पैर में गंभीर चोटें आई है।
अफसरों के अनुसार इन सभी घायलों का सरकारी खर्चे पर उपचार किया जा रहा है। घायलों की हालत देखने के लिए मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा, सीएमओ डा. संदीप चौधरी व डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम अस्पताल पहुंचे। कमिश्नर ने घायल चार वर्षीय सुहानी के सिर पर स्नेह से हाथ फेर उससे बातचीत की और अच्छे से इलाज करवाने का भरोसा दिया। वहीं, कई घायलों ने अपना इलाज निजी अस्पताल में कराया और हालत गंभीर न होने पर घर लौट गये। घायलों को अस्पताल में देखने के लिए मंगलवार को उनके रिश्तेदार भी पहुंचते रहे।
क्षेत्रीय लोगों का आरोप था कि रेलवे के अफसरों के लापरवाही से फुटओवर ब्रिज की समय-समय पर मरम्मत नहीं की गई। उधर,गंगा में भी कई बार छोटी-बड़ी नावें आपस में टकराई लेकिन संयोग ही रहा कि कोई हादसा नहीं हुआ। अस्सीघाट पर भी कई बार भीड़ बेकाबू हुई लेकिन पुलिस अफसरों ने स्थिति संभाल लिया। पर्व पर भीड़ के चलते रात लगभग 2 बजे तक यातायात व्यवस्था चरमरा गई। घाटों, गलियों और सड़कों पर पैदल चलने भर की जगह नहीं बची थी। घाटों और सड़क को जोड़ने वाली लगभग हर एक गलियां भी जाम रही। इसके बाद लोग किसी तरह गलियों से सड़क पर निकले तो जाम में घंटों जूझते हुए अपने घर पहुंचे।