शरीयत संबंधी भ्रांतियों से अन्य समुदायों में इस्लाम के खिलाफ नकारात्मक सोच पैदा हो रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसे दूर करने के लिए ऑनलाइन क्लास चलाएगा। बोर्ड ने शिक्षित व बुद्धिजीवी वर्ग को शरीयत की बारीकियां समझाने की जिम्मेदारी तफ्हीम ए शरीयत को सौंपी है। कमेटी प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को ऑनलाइन क्लास का आयोजन करेगी। इसमें सवाल-जवाब के जरिये शरीयत की सही जानकारी हासिल की जा सकेगी।
गौरतलब है कि बोर्ड की तफ्हीम ए शरीयत कमेटी शरीयत के मुताबिक निकाह, तलाक, महिलाओं को बराबरी और विरासत अधिकार देने आदि के लिए समाज के लोगों को जागरूक कर रही है। वर्तमान में महिलाओं को मिले बराबरी के अधिकार, विरासत, कम उम्र में शादी, तलाक, गुजारा भत्ता आदि को लेकर शरीयत के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। बोर्ड ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन विषयों पर शरीयत की सही जानकारी देने के लिए ऑनलाइन क्लास चलाने का निर्णय लिया है।
बोर्ड यह मानता रहा है कि मुस्लिम समाज शरीयत में महिलाओं को मिले विरासत के हक पर अमल करते हुए बेटियों को दहेज देने बजाय जायदाद में हिस्सा दे। जिससे उनके सामने आर्थिक समस्याएं नहीं आएंगी। वहीं तलाक के बाद कोर्ट जाने वाली महिलाओं की संख्या में भी कमी आएगी।
कमेटी के आयोजक मौलाना तबरेज आलम ने बताया कि यू ट्यूब पर ऑनलाइन क्लास का सजीव प्रसारण होगा। क्लास का विषय पहले से निर्धारित होगा, जिससे संबंधित विषय में जानकारी हासिल करने के लिए लोग सवाल भी पूछ सकेंगे। वर्तमान में ऑनलाइन प्लेटफार्म की पहुंच काफी व्यापक है। ऐसे में एक साथ बड़ी संख्या में शिक्षित व बुद्धिजीवी वर्ग को शरीयत की सही जानकारी दी जा सकेगी जिससे बाद में ये लोग शरीयत संबंधी भ्रांतियों को अपने स्तर पर दूर कर सकेंगे।