प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक महीने तक होने वाले काशी तमिल संगमम में काशी का विकास मॉडल दक्षिण भारत में चमकेगा। पुरातन और आधुनिकता के तालमेल से तराशी गयी काशी में तमिलनाडु के अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ मंथन करेंगे। इसमें तमिलनाडु के 38 जिलों के करीब 3000 डेलीगेट्स भाग लेंगे। 17 नवंबर 2022 से शुरू होकर 18 दिसंबर 2022 तक चलने वाले इस तमिल समागम में दक्षिण भारत के डेलीगेट्स वाराणसी में विकास के मॉडल को भी देखेंगे। इसके साथ ही सभी प्रतिनिधि श्रीराम की नगरी अयोध्या और संगम नगरी प्रयाग का भी दौरा करेंगे।
धर्म, शिक्षा और संस्कृतिक की नगरी काशी में तमिल कार्तिक माह में काशी तमिल समागम होने वाला है, जहां हर क्षेत्र के विशेषज्ञ सीखने और सीखाने के लिए एकत्रित होंगे। 12 अलग अलग ग्रुप जिसमे छात्र, हस्तशिल्पी, साहित्यकार, आध्यात्मिक, व्यवसायी, शिक्षक, हेरिटेज, नव उद्यमी, प्रोफेशनल, मंदिरों से संबंधित, ग्रामीण-कृषक, संस्कृति से सम्बंधित लोग शामिल होंगे। 250-250 लोगों के 12 ग्रुप एक के बाद एक हर 2-3 दिन में ट्रेन से काशी पहुंचेगा।
एक महीने के इस तमिल समागम में करीब 500 कलाकार एग्जिबीशन, प्रदर्शन व कार्यक्रम करेंगे। तमिलनाडु से संबंधित प्रदर्शनी, फ़ूड कोर्ट बीएचयू में एक महीने तक चलेगी तथा पूरे एक महीने सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान अलग अलग दिन उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण और तमिलनाडु के विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। भ्रमण के दूसरे दिन इन सब ग्रुप के 3 घंटे के विषय संबंधित कार्यक्रम होंगे, जिनमे से 7 कार्यक्रम बीएचयू में, 2 कार्यक्रम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में और 3 कार्यक्रम ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में होंगे।