उत्तर प्रदेश के इंजीनियरिंग और बीएड कॉलेज अभी तक छात्रों का इंतजार कर रहे हैं। अक्टूबर बीत रहा है और अब तक बीटेक व बीएड में प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। बीटेक की काउंसिलिंग नवंबर के प्रथम सप्ताह तक तो बीएड की काउंसिलिंग नवंबर के अंतिम सप्ताह तक चलने की उम्मीद है। इससे प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग और बीएड कॉलेज का सत्र विलंब होना तय है। उम्मीद है कि बीटेक की नवंबर के अंतिम सप्ताह तो बीएड की कक्षाएं दिसंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होंगी, जबकि बीटेक और बीएड का रिजल्ट काफी समय पहले जारी हो गया था।
उत्तर प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला जेईई स्कोर के आधार पर एकेटीयू की काउंसिलिंग से लिया जा रहा है। जबकि,बीएड कॉलेजों में दाखिला को बरेली विवि काउंसिलिंग करा रहा है। जेईई मेंस का आठ अगस्त तो बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम पांच अगस्त को जारी हो गया था। मगर दोनों विवि के काउंसिलिंग शेड्यूल में देरी से प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। काउंसिलिंग लेट होने की वजह से छात्रों, उनके अभिभावकों के साथ कॉलेजों में भी नाराजगी है।
बीएड कॉलेज के संचालकों का कहना है कि बीएड की सीटें वैसे ही पूरी नहीं भर पाती और सत्र लेट होने से छात्र बंट जाते हैं। एकेटीयू ने इस बार बॉयोटेक इंजीनियरिंग ब्रांच का दाखिला सीयूईटी के परिणाम के आधार पर होना तय किया। सीयूईटी का परिणाम भी काफी देरी से निकला। इससे एकेटीयू ने काउंसिलिंग शेड्यूल देरी से जारी किया है।
एआईटीएच की निदेशक प्रो. रचना अस्थाना ने कहा कि एचबीटीयू सहित अन्य विवि की सीटें भर गई हैं। काउंसिलिंग लेट होने से काफी सीटें रिक्त हैं, जबकि हर बार यह प्राथमिकता पर भर जाती थीं। हरसहाय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमर श्रीवास्तव ने कहा कि बीएड का सत्र डेढ़ महीना लेट हुआ है। नवंबर अंत तक तो काउंसिलिंग ही चलेगी, फिर पढ़ाई शुरू होगी।