दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। जिसमे भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को भोग लगाने के लिए अन्नकूट की सब्जी के साथ ही कढ़ी बनाने का भी रिवाज है। उत्तर भारत में कढ़ी शुभ मौकों पर बनाने की परंपरा है। जिसे लोग चावल या रोटी के साथ काफी चाव के साथ खाते हैं। कुछ लोग कढ़ी में बूंदी डालकर बनाते हैं तो कुछ लोग बेसन की पकौड़ियां। अगर आपको कढ़ी खाना पसंद है तो इस रेसिपी से बनाएं। इसका स्वाद हर किसी को पसंद आएगा। तो चलिए जानें क्या है कढ़ी बनाने की खास रेसिपी।
कढ़ी बनाने की सामग्री
तीन कप बेसन, तीन कप दही, एक छोटा चम्मच हल्दी, लाल मिर्च पाउडर छोटा चम्मच, नमक स्वादानुसार, गरम मसाला, पानी आवश्यकतानुसार, हींग, जीरा छोटा चम्मच, लाल मिर्च साबुत, देसी घी, मेथी दाना।
कढ़ी बनाने की विधि
सबसे पहले कढ़ी का घोल तैयार कर लें। इसके लिए किसी बाउल में बेसन, दही को मिला लें। फिर इसमे हल्दी, गरम मसाला डालकर फेंट लें। आवश्यकतानुसार पानी डाल लें। घोल तैयार कर रख लें। अब कढ़ी के लिए पकौड़े बना लें। पकौड़े बनाने के लिए एक कप बेसन को बाउल में पानी डालकर घोल तैयार कर लें। इसमे नमक, लाल मिर्च पाउडर और हींग डाल दें। करीब 15 मिनट के लिए इस घोल को रख दें।
कड़ाही में तेल डालकर गर्म करें और चम्मच की सहायता से छोटी पकौड़ियां सुनहरा तलकर निकाल लें। इन्हें अलग रख दें। कढ़ी बनाने के लिए पैन में तेल डालकर गर्म करें। जब तेल गर्म हो जाए तो जीरा चटकाएं। साथ में मेथी दाना, हींग और साबुत लाल मिर्च डालें। तड़के के बाद बेसन और दही का घोल इसमे डालें। इसमे उबाल आने तक आंच को तेज रखें। कढ़ी में उबाल आ जाएं तो बेसन की पकौड़ियों को कढी में डाल दें। करीब दस मिनट तक कढ़ी को धीमी आंच पर पकाएं।
जब कढ़ी गाढ़ी होने लगे तो गैस बंद कर दें। ऊपर से तड़के के लिए पैन में देसी घी गर्म करें। घी गर्म होते ही उसमे लाल मिर्च पाउडर डालें और इस तड़के को कढ़ी के ऊपर डाल कर गर्मागर्म चावल या रोटी के साथ परोसें।