आपको बता दें कि मोमोज़ तिब्बती डिश है और पारंपरिक रूप से इन्हें नॉनवेज स्टफ के साथ सिर्फ स्टीम करके ही खाने के लिए तैयार कर लिया जाता है. आपको यह भी मालूम होगा कि कुछ देशों की स्पेशल डिश भारत में खासी मशहूर हो चुकी है, इनमें पिज्जा, नूडल्स तो है ही, अब मोमोज़ भी शुमार हो चुका है. लेकिन भारत में मोमोज़ की बात ही निराली हे. यहां स्टीम्ड मोमोज़ के साथ तंदूरी, फ्राई का भी चलन खूब बढ़ा है. बनाने के इस तौर-तरीके में और भी बहुत कुछ जोड़ दिया गया है, जिससे इनका स्वाद अलग ही बन पड़ सकता है. उदाहरण के लिए केएफसी फ्राई या अफगानी मोमोज़्. इम दावे से कह सकते हैं कि इनकी शुरुआत भारत में हुई होगी और तिब्बती इसे खाकर हैरान हो सकते हैं.
आज हम आपको एक ऐसे मोमोज़ के आउटलेट पर लेकर चल रहे हैं, जिसके 100 से अधिक वैरायटी के मोमोज़ आपका दिल और जुबान जीत लेंगे. वहां पहुंचकर आपको लगेगा कि यहां पर मोमोज़ मिलते हैं या कोई स्पेशल डिश तैयार की जा रही है.
मोमोज़ की यह आउटलेट इसलिए लोगों को पसंद आ रही है, क्योंकि ओनर ने मोमोज की वैरायटी बढ़ाने के लिए खूब एक्सपेरिमेंट किए है और उनमें स्वाद भरने के लिए अलग से मसाले और अवयव डाले हैं, इसलिए उनकी वैरायटी व स्वाद मन को भाता है. पीतमपुरा के थाना मौर्य एन्क्लेव के बाहर की सड़क पर एनडी ब्लॉक में डीडीए की मार्केट है, इसके फ्रंट पर है ‘गिरी मोमोज़ सेंटर.’ इसे सालों से पति-पत्नी मिलकर चला रहे हैं. पहले इनके मोमोज़ की वेरायटी देखिए चिकन मोमोज़, मटन मोमोज़, मशरूम, स्वीट कॉर्न, वेज मोमो के अलावा सोयाबीन, पनीर, मोजरेला चीज़ मोमो.
इन सबकी भी अलग-अलग वैरायटी है, जैसे- स्टीम, फ्राई, तंदूरी, अफगानी, कॉकटेल, केएफसी फ्राई, मन्चूरियन, हॉट गारलिक आदि. जो भी खाइए, सबका स्वाद अलग अलग होगा. अब तो यहां पर वेज, नॉनवेज और कई प्रकार का मोमोज बर्गर भी मिलता है.
आप केएफसी फ्राई मोमोज्र का ऑर्डर दीजिए. स्टीम्ड मोमोज को पहले कॉर्न फ्लोर के घोल में डाला जाएगा. जब वह पूरी तरह उससे भर जाएगा इसे सूखे ब्रेड के चूरे (Bread-Crumbs) से भरे बर्तन में डालकर चारों और चूरे को लपेटा जाएगा. इसके बाद इसे गर्म ऑयल में फ्राई कर लिया जाएगा. इन मोमोज को तीखी लाल चटनी व और मेयोनिज सॉस के परोसा जाएगा. बाहर से बेहद कुरकुरे और अंदर से मुलायम इन मोमोज की बात ही कुछ और है.
अगर आप चिकन तंदूरी मोमोज बर्गर ऑर्डर करेंगे तो सबसे पहले स्टीम्ड चिकन मोमोज पर स्पेशल सफेद व लाल मसालों का घोल चढ़ाया जाएगा. इन मोमोज को सींक में लगाकर उसे धधकते तंदूर पर रख दिया जाएगा. कुछ देर बाद इनके ऊपर मक्खन मला जाएगा. अच्छी तरह तंदूर होने के बाद बर्गर के दोनों तरफ मेयोनिज व बीच में इन मोमोज और टमाटर, प्याज, खीरे का स्टफ लगा दिया जाएगा. चटनी और सॉस के साथ खाइए, आनंद ही आनंद. इनके सभी मोमोज की प्लेट की कीमत 35 रुपये से 170 रुपये तक है.इस आउटलेट को गिरी प्रसाद और उनकी पत्नी तारा पेखरिएल चलाती हैं. मोमोज की ढेर सारी वैरायटी पर उनका कहना है कि असल में उन्होंने छह साल खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा के एक नामी होटल में कुक का काम किया. वहां स्वाद का खेल समझा और फिर दिल्ली आकर उसे मोमोज पर लागू किया. वह 2008 से इस आउटलेट को चला रहे हैं.
हर रोज फ्रेश माल लगाया जाता है ओर इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि जिस नाम से मोमोज हैं, उनमें वैसा ही स्वाद आए, वरना कस्टमर बिचल जाएगा और आलोचना भी करेगा. लोग इसलिए आते हैं कि यहां पर वैरायटी बहुत है और स्वाद भी माकूल. शाम शुरू होने से पहले 4 बजे कामकाज शुरू हो जाता है और रात 10:30 पर सब कुछ निपट जाता है. न कोई अवकाश है और न ही कोई ब्रांच है. मेट्रो स्टेशन नेताजी सुभाष प्लेस है, लेकिन वह थोड़ा दूर पड़ता है.