उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिल देकर उत्पीड़न किए जाने के मामले में सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली कंपनियों के निदेशक (वाणिज्य) को एक लाख और अधिक के बिलों के संशोधन की तीन दिन में जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गलत बिलिंग के मामले में बिलिंग एजेंसियों के प्रतिनिधियों को कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी। कहा, अगर में जल्द सुधार नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऊर्जा मंत्री बुधवार को शक्ति भवन में बिलिंग, मीटर रीडिंग व राजस्व वसूली की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने मीटर रीडर की लगातार मॉनीटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि रीडिंग में घपलेबाजी पर रोक लगाई जाए। हर महीने बिलिंग एजेंसियों पर 13 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। फिर भी 50 प्रतिशत शिकायतें गलत बिलिंग की आ रही हैं। उन्होंने कहा कि समयबद्ध मॉनिटरिंग के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कराया जाए। साथ ही कहा कि उपभोक्ताओं को स्वयं रीडिंग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बिलिंग एजेंसियों को लक्ष्य के अनुरूप बिलिंग, वसूली, मीटर खराबी, जंक डाटा क्लीन, केवाईसी डाटा, डाउनलोडेड बिलिंग आदि के कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से करना होगा। अब हर महीने एजेंसियों के इन कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक होगी। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत बिलिंग ऐसी है जिसमें प्रतिमाह 10 यूनिट से भी कम रीडिंग आ रही है। ऐसे मामलों की भी जांच की जाएगी। बिलिंग एजेंसियों को अपने इन सभी कार्यों को सुधारने के लिए उन्होंने 30 नवंबर तक अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। बैठक में पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज, प्रबंध निदेशक पंकज कुमार, सभी बिजली कंपनियों के एमडी व बिलिंग एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।