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वैश्विक पटल पर भारत की स्थिति मजबूत, इसमें राजदूतों का अहम योगदान : योगी

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वैश्विक पटल पर भारत की स्थिति मजबूत, इसमें राजदूतों का अहम योगदान : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सोमवार रात यहां उनके सरकारी आवास पर 15 राष्ट्रों में तैनात भारत के राजदूतों-उच्चायुक्तों ने भेंट की। विकास की दौड़ में पिछड़े राज्य के 08 आकांक्षात्मक जनपदों के समग्र विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का अवलोकन कर लखनऊ आए इन वरिष्ठ राजनयिकों ने अपने भ्रमण के अनुभवों को मुख्यमंत्री से साझा किया और प्रदेश के विकास के लिए अपने सुझाव दिए।

राजदूतों व उच्चायुक्तों ने आकांक्षात्मक जनपद बहराइच और फतेहपुर के अपने भ्रमण के अनुभवों को अविस्मरणीय बताया। वहां स्कूलों में बच्चों से बातचीत साफ-सफाई, गांव में अमृत सरोवर, लैंगिक समानता आदि के प्रयासों को सुखद बताया। राजनयिकों ने प्रदेश में बेहतर होती इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं, विद्यालयों के कायाकल्प, अमृत सरोवर, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, उद्योग जगत को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों और निवेश अनुकूल माहौल की सराहना करते हुए उत्तर प्रदेश को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के पैमाने पर राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री योगी ने विदेशों में तैनात वरिष्ठ राजनयिकों का प्रदेश आगमन पर अभिनन्दन करते हुए कहा कि राजदूतों व उच्चायुक्तों के रूप में वे सभी विदेशों में भारत के ब्रांड एम्बेसडर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक पटल पर भारत की स्थिति मजबूत है, इसमें राजदूतों-उच्चायुक्तों का अहम योगदान है।

योगी ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश भारत में सबसे बड़ी आबादी का प्रदेश है। यह भारत का हृदय स्थल है। उत्तर प्रदेश भारत की आध्यत्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का स्रोत है। यहां की उर्वर भूमि इस प्रदेश की समृद्धि का मूलाधार है। प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। हम भारत में खाद्यान्न उत्पादन में प्रथम स्थान पर हैं। शुगर और एथेनाल का उत्पादन सर्वाधिक यहीं होता है। विभिन्न सब्जियों और फलों के उत्पादन में हम देश में प्रथम स्थान पर हैं। आज जब दुनिया में खाद्यान्न संकट की स्थिति है, तब प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि निर्यात भी कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए ट्रिपल टी-टेªड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म का मंत्र दिया है। उत्तर प्रदेश इन तीनों को आत्मसात कर लगातार आगे बढ़ रहा है। राजदूतों-उच्चायुक्तों का सहयोग प्रदेश के विकास में सहायक होगा।

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में प्रदेश के नागरिक दक्षिण-पूर्व एशिया, खाड़ी देशों में प्रवास करते हैं। इनमें बड़ी संख्या अकुशल श्रमिकों की है। अकुशल होने के कारण आमतौर पर उनका पारिश्रमिक भी कम होता है। ऐसे में सरकार प्रवासी श्रमिकों के कौशल उन्नयन के लिए प्रयासरत है। राजदूतों-उच्चायुक्तों के सहयोग से ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनके कौशल संवर्धन का कार्य किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों-बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच और श्रावस्ती में विकास के सभी मानकों पर नियोजित कार्य किए जा रहे हैं। नीति आयोग द्वारा सतत रियल टाइम मॉनीटरिंग डैशबोर्ड (चौम्पियन ऑफ चेंज) के अनुसार जारी रैंकिंग में इन जनपदों ने अच्छा स्थान प्राप्त किया है। देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जनपदों में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले जनपदों की नवीनतम सूची में हमारे 06 जनपद शीर्ष 10 में शामिल हैं, जबकि शीर्ष 20 में यूपी के सभी 08 जनपद शामिल हैं।

योगी ने बताया की प्रधानमंत्री की प्रेरणा से आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर राज्य सरकार ने आकांक्षात्मक विकासखंडों के सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिए विशिष्ट प्रयास प्रारंभ किया है। एक कार्ययोजना तैयार की है। कुल 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों का चयन पूर्ण हो गया है। स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना आदि क्षेत्र के तय 75 इंडिकेटर पर इन आकांक्षात्मक विकासखंडों के समग्र विकास के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने ने आकांक्षात्मक विकास खंडों में लागू मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के अभिनव प्रयास की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि विकास खंडों की सतत मॉनीटरिंग और वास्तविक स्थिति के सटीक आंकलन के लिए सी0एम0 फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया गया है। तकनीकी व प्रबंधन डिग्रीधारी विजनरी युवाओं के लिए यह एक शानदार अवसर होगा। मुख्यमंत्री ने राजदूत गणों को प्रदेश के पारम्परिक शिल्पकला के प्रोत्साहन हेतु शुरू की गई अभिनव ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओडीओपी) के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ओडीओपी योजना हमारी विरासत की प्रतीक है।

इस अवसर पर औद्योगिक विकास, एनआरआई तथा निवेश प्रोत्साहन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग श्री संजय आर0 भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, सचिव एम0एस0एम0ई0 प्रांजल यादव सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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