भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में आज से हाइड्रो एंड रिन्यूएबल एनर्जी, नेट जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम्स विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। सम्मेलन का थीम ग्लासगो (सीओपी 26) में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता पर केंद्रित है, जो 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम्स करने की है।
उद्घाटन सत्र में आईआईटी रुड़की के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एमएल शर्मा ने बताया कि संस्थान के लिए इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करना गर्व की बात है। आज पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के प्रकोप ज्यादा दिखने लगे हैं, जिससे निपटने में नेट जीरो कार्बन एमिशन सिस्टम्स का महत्वपूर्ण योगदान होगा। मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन से अनुसंधान में सहयोग, भागीदारी और ठोस परिणाम सामने आएंगे। इस तरह हाइड्रो और नवीकरणीय ऊर्जा में नई प्रौद्योगिकियों के विकास की गति बढ़ेगी।
पहले दिन डॉ. वाहन जेवोर्जियन, चीफ इंजीनियर, नेशनल रिन्युएबल एनर्जी लेबोरेटरी (एनआरईएल), यूएसए और रेजी कुमार पिल्लई, प्रेसिडेंट, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम ने बीज वक्तव्य दिए।
इस अवसर पर इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम (आईएसजीएफ), इंडिया के अध्यक्ष रेजी कुमार पिल्लई ने भारत में नेट जीरो कार्बन एमिशन सिस्टम्स के विकास में स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों और डिस्ट्रिब्यूट जेनरेशन को बहुत अहम बताया।
प्रो. मुकेश कुमार सिंघल, प्रमुख, हाइड्रो और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, आईआईटी रुड़की ने सम्मेलन में शामिल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि विभाग पिछले 40 वर्षों से स्मॉल हाइड्रोपावर में अभूतपूर्व कार्य करने के साथ स्वच्छ ऊर्जा शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा दे रहा है। हाल के वर्षों में हमारे विभाग ने शिक्षण और अनुसंधान का दायरा बढ़ाते हुए इसमें सोलर फोटोवोल्टिक, पवन ऊर्जा, पम्प्ड स्टोरेज हाइड्रोपावर और हाइड्रोजन एनर्जी स्टोरेज और इलेक्ट्रिक ग्रिड में रिन्युएबल एनर्जी की प्रौद्योगिकियों का समावेश किया है।
प्रो. रिदम सिंह, एचआरईडी और इस आयोजन आईसीएचआरई 2022 के सचिव ने उद्घाटन सत्र के लिए सभी को धन्यवाद देने के साथ सम्मेलन में शामिल गणमान्य व्यक्तियों और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।