प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े डग्गामार वाहनों सहित ऑटों को हटवाया गया था। वहीं इसे लेकर सख्त निर्देश भी दिया गया था कि किसी भी सूरत में वाहन सड़क किनारें खड़े न हों। लेकिन ऑटो स्टैंड का शहर में अलग अलग क्षेत्रों में स्थान निर्धारित नहीं होने से परेशानी बढ़ गयी है। वहीं जहां नगरपालिका की ओर से ऑटों खड़ा करने के लिए स्थान चिंहित किया गया है, वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। नगरपालिका सहित परिवहन विभाग की ओर से जहां प्रतिबंध लगाया था, वहां पर अभी तक वाहनों का कब्जा है। शहर का सिटी स्टेशन, महुआबाग चौराहा, विशेश्वरगंज, लंका बस स्टैंड। यहां पर बेखौफ होकर वाहन चालक निर्धारित स्थान से हटकर सड़कों पर वाहन खड़ा कर सवारी बैठाते रहते है। शहर में डग्गामारी बेखौफ होती है। इसके बावजूद प्रशासन कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
शासन के निर्देश पर परिवहन विभाग सहित नगरपालिका की ओर से नियम बनाया गया था कि निश्चित स्थान से ही सवारियां बैठेंगी और वहां पर ही उतरेंगी। सड़क किनारे पर कोई वाहन खड़ा नहीं होना चाहिए। लेकिन यह कवायद दम तोड़ते हुए नजर आ रही है। स्टैंडों पर सन्नाटा है। खास बात है कि वहां पर खड़े होने वाले वाहनों का सड़क पर कब्जा मिला है। वहीं अबतक नगरपालिका की ओर से कई स्थानों पर वाहनों के खड़ा करने को लेकर स्थान भी चिंहित नहीं किया गया है। खास बात है कि दशकों में कई सरकार बदली और तमाम अफसर भी आकर चले गए। मगर, डग्गामारी का धंधा कभी बंद नहीं हुआ। अवैध स्टैंड और वाहन संचालन के ये जिम्मेदार नगर क्षेत्र में अवैध स्टैंडों के संचालन पर कार्रवाई का जिम्मा नगर पालिका, पुलिस और परिवहन विभाग पर है। साठगांठ के चलते सब एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं। यही वजह है कि इन जिम्मेदारों के सामने ही नियम टूटते हैं मगर, कार्रवाई शून्य होती है। नगर पालिका क्षेत्र में बिना अनुमति के वाहन खड़ा करने पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता है।