उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की ओर से रविवार को वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में छह दिवसीय जीआई महोत्सव का शुभारंभ हुआ। प्रदर्शनी में 11 राज्यों के जीआई उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है। जीआई मान्यता प्राप्त उत्पादों के 100 स्टॉल लगाए गए हैं।
मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जीआई उत्पाद मानव केंद्रित विकास का अद्भुत नमूना है। भारत को विकसित देश बनाने के लिए मानव केंद्रित विकास होना चाहिए। हमारे उत्पाद भी अच्छे हो सकते हैं, जब हम उनके लिए वोकल होंगे। जीआई उत्पादों के पंजीकरण में भी तेजी आई है।
विदेशी मानसिकता से बाहर आना होगा
जीआई महोत्सव का उद्देश्य लोकल उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है। हमें अपने उत्पादों के लिए बात करनी होगी। बताया कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में काशी को सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है। अपनी विरासत का संरक्षण बहुत जरूरी है। अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। हमें विदेशी मानसिकता से बाहर आना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने ओडीओपी के तहत शैलेंद्र कुमार सिंह, अनिकेत सिंह, चंद्रशेखर, अरशद, समा को रोजगार के लिए चेक के माध्यम से ऋण मुहैया कराए। प्रदेश सरकार के स्टांप व पंजीयन राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा हर जिले में ओडीओपी बाजार खोले जाएं। ताकि जिले के बेहतर उत्पाद को चिह्नित कर बाजार में उपलब्ध कराया जाए।
लोकल सामानों को बढ़ावा देने के लिए कारीगरों को मौका देना होगा। बनारस में न तो सिल्क होता है, और न ही पान की खेती होती फिर भी दोनों मशहूर हैं। यहां के कारीगरों ने उसे मशहूर बना दिया है। उन्होंने कहा कि बनारसियों के डीएनए में ही हुनर है।