शाही सवारियों के साथ सुरों का अनूठा सफर रविवार की शाम दीपोत्सव की चकाचौंध के बीच कार्निवाल बच्चों, महिलाओं, युवाओं के लिए खुशियों की बहार लेकर छा गया। हर किसी को लुभाने और दिल को छू जाने वाले इस छह दिवसीय अमर उजाला शुभ लाभ शापिंग कार्निवॉल की शुरुआत पहली बार गंगा आरती से हुई। इसके बाद उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि सूबे के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और शहर पश्चिमी के विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने ढोल-नगाड़े के साथ दीप जलाकर और हरी झंडी दिखाकर किया।
इसी के साथ ऊंट, घोड़े, बग्घी की सवारी करने के लिए परिवार के सदस्यों, दोस्तों के साथ लोग निकल पड़े। पत्थर गिरजाघर से आगे इस कार्निवॉल में दाखिल होते ही बच्चों की पहली नजर बग्घी, घोड़े-ऊंटों की शाही सवारी पर जब पड़ रही थी, तब उनके चेहरे की खुशी देखते बन रही थी। भव्य मुक्ताकाशीय मंच पर शाम सात बजे शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा आरती से हुई।
जय त्रिवेणी जय प्रयाग के अध्यक्ष प्रदीप पांडेय, आचार्य कृष्ण दत्त तिवारी, आचार्य हरि पांडेय के आचार्यत्व में पं. आशुतोष पाठक, प्रत्यक्ष पांडेय, यशराज शर्मा, बरह्मानंद तिवारी, जय शर्मा ने गंगा आरती की। इनके बाद प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना उर्मिला शर्मा ने बंदिश के बोल- डमरू हरिकर बाजे… पर नृत्यमय शिव स्तुति की। इसके बाद ठुमरी की पारंपरिक बंदिश मग रोको ना रे सांवरिया… पर उन्होंने भावपूर्ण थिरकन से हर किसी का ध्यान खींचा।
अंत में राग कलावती में तराना पर लयकारी, छंद, तिहाइयां, टुकड़े और चक्करदार की मोहक प्रस्तुति की। फिर बारी आई गजल गायक आशुतोष श्रीवास्तव की। उन्होंने चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल… की प्रस्तुति से जमकर तालियां बटोरीं। इनके बाद कोरस ग्रुप के आशुतोष माहेश्वरी, इलाहाबाद म्यूजिक क्लब के डॉ. एसपी सिंह ने गीतों से मंत्रमुग्ध कर दिया। संचालन सौरभ ने किया।
हर रोज कूपन दिखाकर कीजिए ऊंट-घोड़े की मुफ्त सवारी
अमर उजाला शापिंग कार्निवॉल का अखबार में प्रकाशित कूपन लाने पर ऊंट, घोड़े, बग्घी और रेल की मुफ्त सवारी बच्चे कर सकेंगे। इस सवारियों के साथ दीपोत्सव की खुशियों की सौगात हर परिवार को मिल सके, इसकी पूरी कोशिश की गई है। ऐसे में अगर आप अमर उजाला के पाठक हैं तो कार्निवॉल में आते समय कूपन लाना न भूलें।
कार्निवॉल सेल्फी प्वाइंट यादें सहेजने के लिए खास
प्रयागराज। इस कार्निवॉल को यादगार बनाने के लिए मंच के पास सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। इसमें आप खरीददारी संग संगीत का आनंद लेने के साथ ही परिवार और दोस्तों के साथ सेल्फी लेकर यादगार पलों को सहेज सकेंगे।
दवा से पाइए दुआ
इस कार्निवॉल में पहली बार दवा से दुआएं भी हासिल की जा सकेंगी। इस बॉक्स में आप अपने घर की वो दवाएं दान कर सकते हैं, जो अब इस्तेमाल में नहीं है और उनके एक्सपायरी होने का खतरा है। आप ऐसी दवाओं को वहां जमा कराकर पुण्य के भागी बन सकते हैं, ताकि वे दवाएं जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के काम आ सकें।
नेकी का खुला खजाना
इस कार्निवॉल के आगाज के साथ ही नेकी का खजाना भी खुल गया। इस कपड़े के अलावा आप लंच बॉक्स, पानी बोतलें, खिलौने, जूते-चप्पल, पुराने मोबाइल समेत अन्य वस्तुएं जरूरतमंदों, गरीबों, बेसहारों के लिए दान कर सकते हैं।
कार्निवॉल में आज की प्रस्तुतियां
काव्या, अशिता, आख्या और समृद्धि का समूह नृत्य( कथक केंद्र की प्रस्तुति), कनक माहेश्वरी और अनव माहेश्वरी का की बोर्ड व गिटार पर जुगलबंदी। डॉ. घनश्याम मिश्र का गायन, अभिषेक कुमार का जादू और अभिषेक सुदर्शन का गायन।
अमर उजाला शुभ लाभ कार्निवॉल के सहयोगी:
मुख्य प्रायोजक- पान पारस कायम, हॉस्पीटेलिटी पार्टनर -होटल रबिशा कांटिनेंटल, क्रैकर शो पार्टनर- कादिर भाई, फूड पार्टनर -भगवान दास प्रह्लाद दास एंड संस, एसोसिएट स्पांसर- एमपी बिरला सीमेंट, इंडियन ऑयल और मारुति डेंटल।
रिक्शा की सवारी की, नंदी ने कार्निवाल को सराहा
कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कार्निवाल में रिक्शा की सवारी की। इससे पहल बतौर मुख्य अतिथि नंद अमर उजाला के शापिंग कार्निवाल को शहरवासियों के लिए खुशियों की सौगात बताया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से अमर उजाला ने हर वर्ग के लोगों का दिल जीता है। अमर उजाला इसी तरह के जन सरोकारों की वजह से शहर में सबका चहेता अखबार बन गया है।
महाकुंभ की संस्कृति को सिविल लाइंस तक विस्तार देने सिद्धार्थ नाथ ने दिया सुझाव
पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इस बार का कुंभ और भी भव्य होगा। इसके लिए सरकार व्यापक तैयारियां कर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस कार्निवाल से आगे बढ़कर अमर उजाला को कुंभ के सांस्कृतिक आयोजनों को सिविल लाइंस तक विस्तार देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ के समय इसी कार्निवाल के मंच स्थल पर ही बड़ी स्क्रीन लगाकर शहर के लोगों को कुंभ की संस्कृति का एहसास कराया जा सकता है।
इस कार्निवाल में आकर बहुत खुशी हुई। यहां दीपोत्सव की खुशियों का खजाना सा मैंने महसूस किया। मुझे इस कार्निवाल का हमेशा इंतजार रहता है। – अनिता गुप्ता, गंगागंज।
बच्चों के लिए यह मेला वाकई बहुत खास है। कैमल सफारी का तो आनंद ही अलग है। मोटू-पतलू के रूप मे रिक्शागाड़ी, घोड़े और बग्घियां हर किसी को लुभा रही हैं। -सोनम बंसल-सिविल लाइंस।
जितना अच्छी सवारियां हैं उतना ही महोक संगीत इस कार्निवाल में आकर्षण का केंद्र बना है। नृत्य, गायन से भरपूर इस कार्निवाल में लोगों को जरूर आना चाहिए।
कंचन माहेश्वरी- रामबाग
बहुत खुशी मिली इस कार्निवाल में आकर। यहां बच्चों के लिए बहुत कुछ है। बड़ों के मनोरंजन के लिए संगीत संध्या बेहद खास है। इसमें बड़े कलाकारों के साथ नई प्रतिभाओं को मंच मिलने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। –आशुतोष -रामबाग
दीपोत्सव की खुशियां इस मेले में छाई हुई हैं। बग्घियों की सवारी हो या ऊंटों ही लोगों का उत्साह देखते बन रहा है। अमर उजाला ने इस कार्निवाल के जरिए शहर की रौनक बढ़ा दी है। – अब्दुल समद-करेली
कोरोना काल के दो साल बाद सिविल लाइंस में अपने तरह का यह बड़ा और अनूठा कार्निवाल है, जिसमें शहर के लोगों को खुश होने का मौका मिल रहा है। नृत्य और गायन की प्रस्तुतियों ने मुझे बहुत सुकून पहुंचाया। पीयूष टंडन-आकलैंड रोड
सिविल लाइंस में आयोजित अमर उजाला कार्निवाल में मौजूद लोग।
सिविल लाइंस में आयोजित अमर उजाला कार्निवाल में मौजूद लोग।
सिविल लाइंस में आयोजित अमर उजाला कार्निवाल में मौजूद लोग।
कार्निवाल में सवारियों को रवाना करते अतिथि।