बिहार से मानसून की विदाई शुरू हो गया है, दो-तीन दिन में यह विदा हो जाएगा। इस दौरान सात से दस किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछुआ हवा चलने के साथ मौसम अब शुष्क रहेगा, तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आएगी। इसके मद्देनजर कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय द्वारा किसानों के लिए समसामयिक सुझाव जारी किया गया है।
वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. रामपाल ने बताया कि 19 अक्टूबर तक पूर्वानुमान की अवधि में आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं। इस अवधि में मौसम के आमतौर पर शुष्क रहने का अनुमान है। शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए किसान अगात धान एवं मक्का की तैयार फसलों की कटाई एवं झराई करें, रबी फसल के लिए खेत की तैयारी करें।
सब्जियों की फसल बैंगन, टमाटर, फूलगोभी एवं मिर्च में फल छेदक कीट की निगरानी करें। इस कीट से ग्रसित तना एवं फल की तुराई कर मिट्टी में गाड़ दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पेनोसेड 48 इ.सी. का एक मिली लीटर प्रति चार लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। मिर्च, फूलगोभी, टमाटर एवं बैगन की फसल में आवश्यकता के अनुसार निकाई-गुड़ाई करें।
फूलगोभी की फसल में पत्ती खाने वाली कीट की निगरानी करें। इस कीट के पिल्लू फूलगोभी की मध्यवाली पत्तियों तथा सिरवाले भाग को अधिक क्षति पहुंचाती है। शुरुआती अवस्था में यह पिल्लू पत्तियों की निचली सतह में सुरंग बनाकर एवं उसके अन्दर पत्तियों को खाता है। इस कीट से बचाव के लिए स्पेनोसेड 48 इ.सी. का एक मिली लीटर प्रति चार लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। फूलगोभी की पिछात किस्मों माघी, स्नोकिंग, पूसा स्नोकिंग-1, पूसा-2, पूसा स्नोबॉल-16, पूसा स्नोबॉल के-1 की बुआई नर्सरी में करें।
धनियां की बुआई करें, राजेन्द्र स्वाती, पंत हरितिमा कुमारगंज सेलेक्शन, हिसार आंनद धनियां की अनुसंशित किस्में है। पंक्ति में लगाने पर बीज दर 18-20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा लगाने की दूरी 30-20 सेंटीमीटर रखें। बीज को 25 ग्राम बेविस्टीन प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। अच्छे जमाव के लिए बीज को दरककर दो भागो में विभाजित कर बुआई करें। खेत की जुताई में एक से डेढ़ सौ किलो सड़ी गोबर की खाद, 30 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम स्फुर एवं 30 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें।
बालियों निकलने तथा दूध भरने की अवस्था वाली धान की फसल में गंधी बग कीट की निगरानी करें। फसल में कीट की संख्या अधिक पाए जाने पर इसकी रोकथाम के लिए फॉलीडाल दस प्रतिशत पाउडर का प्रति हेक्टेयर 10-15 किलोग्राम की दर से भूरकाव बालियों पर करें।
मसूर के मल्लिका के.-75, अरुण पी.एल. 77-12, बी.आर.-25, के.एल.एस.-218, एच.यू.एल.-57, पी.एल.-5 एवं डब्लू.वी.एल. 77 किस्मों की बुआई आज 15 अक्टूबर के बाद कर सकते हैं। बुआई के समय खेत की जुताई में 20 किलोग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम फॉसफोरस, 20 किलोग्राम पोटाश एवं 20 किलोग्राम सल्फर का व्यवहार करें। बुआई के दो-तीन दिन पूर्व कार्बेन्डाजीम फूंदनाशक दवा का एक ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोषित करें।
इसके बाद कीटनाशी दवा क्लोरपाईरीफॉस 20 ई.सी. का आठ मिली लीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। बुआई के ठीक पहले उपचारित बीज को उचित राईजोबियम कल्चर पांच पैकेट प्रति हेक्टेयर से उपचारित कर बुआई करें। छोटे दाने की प्रजाति के लिए बीज दर 30-35 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं बड़े दाने के लिए 40-45 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा बुआई की दूरी पंक्ति से पंक्ति 30 सेंटीमीटर रखें।
चारा के उद्देश्य से बरसीम और लुसर्न की बुआई की जा सकती है। प्रत्येक वयस्क पशु को 30 ग्राम नमक एवं 50 ग्राम खनिज मिश्रण प्रतिदिन दें। हरा चारा से साइलेज बना लें, अधिक हरा चारा खाने से पशुओं में अतिसार हो जाता है, इसलिए इसे सूखा चारा में मिलाकर खिलाएं।