
कानपुर में कमिश्नरेट व्यवस्था जिस समय लागू हुई थी उसी समय से कहा जा रहा था कि चार थानों का क्षेत्र बड़ा है। इसको देखते हुए चार बड़ी पुलिस चौकियों को नये थानों के रुप में सृजन किया गया। यह नये चार थाने क्रमश: रावतपुर, जाजमऊ, हनुमंत विहार और गुजैनी बुधवार से कार्य शुरु कर दिये। इन सभी कार्यवाहक थानाध्यक्षों को सीयूजी नंबर भी एलाट कर दिया गया है। यह सभी थाने अभी पुलिस चौकी से ही संचालित होंगे। हालांकि सभी नये थानों के लिए केडीए ने जमीन एलाट कर दिया है। थानों के भवन बनने तक पुलिस चौकियों से ही थाने संचालित होते रहेंगे। यह भी निर्देशित किया गया है कि सीमा विवाद में न फंसे और पीड़ित की हर संभव मदद की जाये। कहा गया कि एफआईआर दर्ज करने का कार्य शुरु कर दिया जाये और जनता को बताया जाये कि आपका निवास किस थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इस प्रकार कमिश्नरेट में अब थानों की संख्या बढ़कर 38 जा पहुंची है। हालांकि अभी इनका विधिवत उद्घाटन नहीं हुआ है और राष्ट्रपति दौरे के बाद पांच जून को इन सभी थानों का उद्घाटन किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर का कहना
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना ने बताया कि कमिश्नरेट में सबसे अधिक अपराध होने वाले चार प्रमुख थानों में नये थानों का सृजन किया गया है। थानेदार से लेकर चौकी प्रभारी और सिपाहियों की तैनाती कर दी गई है। यह सभी थाने बुधवार से कार्य शुरु कर दिये हैं और इनके कार्यक्षेत्र की लिस्ट भी सौंप दी गई है। जब तक नई बिल्डिंग नहीं बनती तब तक संबंधित चौकी में ही ये थाने चलेंगे। नए थाने बनने और क्षेत्र का बंटवारा होने पर थानेदार सीमा विवाद में नहीं उलझें। अगर उनके क्षेत्र का नहीं है तो पीड़ित को इसकी जानकारी दें। इसके साथ ही संबंधित थाना प्रभारी से बात करके पीड़ित की एफआईआर दर्ज कराने के लिए बात करेंगे। जरूरत पड़ी तो उसे नए थाने तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी पुलिस की है। एक थाना में थाना प्रभारी के अलावा दरोगा सिपाही को मिलाकर 50-60 पुलिस कर्मी (महिला कर्मियों को मिलाकर) की तैनाती की गई है। प्रत्येक थाने में 2 जीप और 6 बाइक और 30 असलहा दिया गया है। जरूरत पड़ने पर स्टाफ और संसाधन बढ़ाए जाएंगे
