बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ.कुमार आशीष, के शोध परक लेख ”डाटा गवर्नेंस ईशू एंड चैलेंज को देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी सीबीआई बुलेटिन में प्रकाशित किया है।
पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने इस शोध परक लेख में डेटा गवर्नेंस का उद्देश्य समाज में स्थिरता, कानून का राज और व्यवस्था सुनिश्चित करना बताया है। आधुनिक पुलिसिंग के लिए डेटा विश्लेषण और प्रबंधन के माध्यम से अपराध निवारण करना आज कहीं ज्यादा जरूरी है। चाहे संगठित आपराधिक गिरोह, साइबर अपराध, आर्थिक अपराध या आधुनिक तकनीक जैसे फिंगरप्रिंट, फेसियल रिकॉग्निशन तकनीक आदि का उपयोग हो, डेटा गवर्नेंस पुलिसिंग के लिए अब अपरिहार्य है।
पुलिस अधीक्षक द्वारा यह उल्लेख किया गया है कि सीसीटीएनएस और नैट ग्रिड जैसी नवीन पहल इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। साथ ही, अत्याधुनिक पुलिसिंग को बदलती तकनीकी क्रांति के साथ तारतम्य में रखने के लिए एक बेहद सुदृढ़ डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क की अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।
इससे पूर्व में किशनगंज जिले के कोढोबाड़ी थाना क्षेत्र में हुए एक सामूहिक बलात्कार के सनसनीखेज मामले में त्वरित उद्भेदन, कार्रवाई और आठ महीने के अंदर सभी सातों अभियुक्तों को आजीवन कारावास जुर्माना सहित दिलवाने के लिए अगस्त 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री का सर्वोत्कृष्ट अनुसंधान कुशलता पदक दिया गया था। इस महती कार्य के लिए सीबीआई ने प्रशंसा करते हुए पिछले साल 2021 के एडिशन में भी उनकी कृति को अपने बुलेटिन में जगह दी थी।
उल्लेखनीय है की एसपी डॉ कुमार आशीष अपने पुलिसिंग प्रयोगों के साथ लेखन और छात्रों के मोटीवेशन में भी लगातार सक्रिय रहते हैं। समसामयिक और पुलिसिंग विषयों पर उनके अब तक 2 दर्जन से ज्यादा आलेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में छप चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक द्वारा सीबीआई जर्नल में प्रकाशित यह शोध परक लेख सभी पुलिसकर्मियों के कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता संवर्द्धन के लिए उपयोगी होने के साथ-साथ आधुनिक पुलिसिंग में डेटा गवर्नेंस के लिए क्रियान्वयन योग्य एक नए ढांचे की संकल्पना प्रस्तुत करता है। समस्त मोतिहारी पुलिस अपने पुलिस कप्तान की इस महती उपलब्धि पर स्पंदित एवं गौरवान्वित महसूस कर रहा है।