निवेशों पर भारत-यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त कार्य बल (‘संयुक्त कार्य बल’) की 10वीं बैठक आज मुंबई में आयोजित हुई। इसकी सह-अध्यक्षता भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा अबू धाबी अमीरात की कार्यकारी परिषद के सदस्य शेख हमीद बिन जाएद अल नाहयान द्वारा की गई।
संयुक्त कार्य बल की स्थापना 2013 में भारत और यूएई के बीच व्यापार, निवेश तथा आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए जाने तथा फरवरी, 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान के बीच वर्चुअल समिट के दौरान संयुक्त भारत-यूएई विजन वक्तव्य के अनावरण के बाद संयुक्त कार्य बल की यह पहली बैठक थी।
सीईपीए द्विपक्षीय आर्थिक, व्यापार तथा निवेश संबंधों को रूपांतरित करने तथा आर्थिक विकास को गति देने के लिए निर्धारित एक प्रमुख व्यापार समझौता है। ये दोनों ऐतिहासिक उपलब्धियां त्वरित गति से दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझीदारी को निरंतर मजबूत बनाने के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करते है।
संयुक्त कार्य बल की इस 10वीं बैठक के दौरान, दोनों सह-अध्यक्षों ने मई 2022 में इसके प्रभावी होने के बाद से, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर ऐतिहासिक भारत-यूएई सीईपीए के सकारात्मक प्रभाव के आरंभिक रुझानों को स्वीकार किया। दोनों सह-अध्यक्षों ने दोनों तरफ के व्यावसायियों से सीईपीए के तहत सृजित अनुकूल व्यापार इकोसिस्टम से ईष्टतम लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया। सह-अध्यक्षों ने सीईपीए संयुक्त समिति एवं संबंधित उप-समितियों की स्थापना सहित सीईपीए के विभिन्न पहलुओं पर प्रगति का भी उल्लेख किया।
दोनों प्रतिनिधि मंडलों ने भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश समझौते की वार्ता की स्थिति की समीक्षा की। अभी तक संवाद के 12 दौरों का आयोजन किया जा चुका है। दोनों पक्षों ने नोट किया कि बातचीत की शुरुआत के बाद से अभी तक और अधिक प्रगति दर्ज की जा सकती थी और इसलिए उन्होंने संतुलित और परस्पर लाभदायक समझौते को शीघ्रता से संपन्न कर लेने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
खाद्य सुरक्षा, विनिर्माण, अवसंरचना, ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। इस परिप्रेक्ष्य में, यह सहमति हुई कि दोनों देशों में संबंधित प्राधिकारी व्यापार एवं निवेश संबंधित प्रक्रियाओं में लगने वाले समय और लागत में कमी लाने के लिए दक्ष और समेकित सिंगल विंडो सॉल्यूशंस एवं वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर की स्थापना की खोज करने का प्रयास करेंगे। यूएई की तरफ से, इस पर सहमति हुई कि अबू धाबी का आर्थिक विकास विभाग एक पारस्परिक रूप से लाभदायक कार्यान्वयन दृष्टिकोण पर सहमत होने के लिए भारत में संबंधित समकक्षों के साथ सहयोग के इस क्षेत्र की खोज करेंगे।
भारत में यूएई की संप्रभु निवेश संस्थाओं द्वारा बढ़े हुए निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने के एक माध्यम के रूप में, दोनों पक्षों ने विद्यमान यूएई-भारत कर समझौते के तहत यूएई की कुछ संप्रभु निवेश संस्थाओं को कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के संबंध में यूएई के आग्रह तथा भारत के विद्यमान घरेलू कर कानूनों के तहत इसके लिए भारत की प्रतिक्रिया की समीक्षा की। इस पर सहमति जताई गई कि एक आपसी रूप से लाभदायक परिणाम पर पहुंचने के लिए द्विपक्षीय चर्चाएं जारी रहनी चाहिए। इस परिप्रेक्ष्य में, वित्त अधिनियम 2020 के माध्यम से यूएई की संप्रभु संस्थाओं को उपलब्ध सहायता तथा इसके बाद कर छूट के लिए अधिसूचनाएं जारी किए जाने को नोट किया गया तथा इसकी सराहना की गई।
चर्चा का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र राष्ट्रीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार करने के लिए एक तंत्र का निर्माण करना था। एक कॉमन डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म के रूप में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर भारतीय रिजर्व बैंक एवं संयुक्त अरब अमीरात के सेंट्रल बैंक के बीच चल रही चर्चाओं का उल्लेख करते हुए, दोनों पक्षों ने चर्चाओं को जारी रखने पर सहमति जताई।
भारत और यूएई के बीच व्यापक एवं बढ़ते व्यापार एवं निवेश संबंध द्वारा उपलब्ध कराई गई सकारात्मक पृष्ठभूमि में, दोनों पक्षों ने विशिष्ट मुद्दों एवं एक-दूसरे देश में निवेश करते समय कंपनियों के सामने आने वाली कठिनाइयों के समाधान के लिए एक फोरम के रूप में संयुक्त कार्य बल के महत्व को स्वीकार किया। भारत में यूएई की कंपनियों तथा निवेशकों के सामने आने वाले मुद्दों की पहचान करने, उनका समाधान करने तथा उनमें तेजी लाने के लिए भारत ने 2018 में एक यूएई प्लस डेस्क गठित किया है तथा 2019 में एक फास्ट ट्रैक तंत्र की स्थापना की। भारत में यूएई स्पेशल डेस्क की सभी सेक्टरों में यूएई निवेशों को आगे बढ़ाने एवं उन्हें सुगम बनाने के प्रयासों के लिए सराहना की गई। इस संबंध में, सहमति जताई गई कि भारतीय पक्ष लंबित मुद्दों एवं भारत में प्रचालन करने वाली यूएई की कई कंपनियों तथा बैंकों के सामने आने वाली कठिनाइयों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए भारत में यूएई फास्ट ट्रैक तंत्र को आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।
इस पर भी सहमति जताई गई कि यूएई में भारतीय निवेशकों से संबंधित मुद्दों के तत्काल समाधान के लिए तथा यूएई में निवेश करते समय भारत कंपनियों को बाजार में प्रवेश और विस्तार में सहायता प्रदान करने के लिए यूएई में भी इसी प्रकार का एक भारत फास्ट ट्रैक तंत्र की स्थापना की जाएगी। इस संदर्भ में, यूएई में कुछ भारतीय कंपनियों से संबंधित मुद्दों को नोट किया गया और इस पर सहमति जताई गई कि यूएई पक्ष इन मुद्दों के त्वरित तथा पारस्परिक संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।
भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री तथा संयुक्त कार्य बल के सह- अध्यक्ष श्री पीयूष गोयल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संयुक्त कार्य बल की पिछली बैठक के दौरान, हमने सीईपीए की वार्ताओं को फास्ट ट्रैक पर लाने का फैसला किया था एवं हमने अभूतपूर्व 88 दिनों में समझौते को अंतिम रूप दे दिया। मुझे भरोसा है कि खाद्य सुरक्षा तथा राष्ट्रीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार जैसे परस्पर लाभप्रद क्षेत्रों पर आज हमने जो चर्चा की है, उनमें दोनों ही पक्षों से समान प्रकार का बल देखने को मिलेगा। भारत-यूएई संबंधों में अभूतपूर्व गति देखी जा रही है। हमारे पास विशेष रूप से फिनटेक जैसे अवसंरचना और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग तथा निवेश बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में अवसर हैं।’’
बैठक के समापन के अवसर पर, अबू धाबी अमीरात की कार्यकारी परिषद के सदस्य तथा संयुक्त कार्य बल के सह-अध्यक्ष शेख हमीद बिन जाएद अल नाहयान ने कहा, ‘‘अक्टूबर, 2021 में संयुक्त कार्य बल की पिछली बैठक के बाद से, भारत और यूएई के बीच घनिष्ठ, बढ़ रहे तथा रणनीतिक संबंधों में मजबूती लाने के लिए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की जा चुकी हैं। इस व्यापक परिप्रेक्ष्य के भीतर, संयुक्त कार्य बल हमारे दोनों देशों के बीच सकारात्मक संवाद को सुगम बनाना जारी रखता है जब हम उन आर्थिक संपर्कों को सुदृढ़ बनाते हैं, जिन्होंने हम दोनों देशों को एक साथ लाने में हमारी सहायता की है। संयुक्त कार्य बल नए अवसरों का सृजन करने तथा बाधाओं को दूर करने में प्रभावी साबित हुआ है और यह हमारे संबंधित देशों की विकास महत्वाकांक्षाओं की सहायता करने के लिए द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने में लगातार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।’’
इस बैठक में, यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जेऔदी, भारत में यूएईके राजदूत डॉ. अहमद ए.आर. अलबन्ना, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव श्री अनुराग जैन तथा संबंधित सरकारी प्राधिकरणों, निवेश संस्थाओं तथा दोनों देशों की कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।