लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बीच रविवार को प्रदेश में 34 लोगों की मौत हो गई। इनमें बिजली गिरने, मकान ढहने और नदियों में बहने से हुई मौतें शामिल हैं। धान और गन्ने समेत दलहनी फसलें भी प्रभावित हुई हैं। कई जगहों पर पशुओं की भी मौत हो गई है। सीएम योगी ने इन घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मदद की घोषणा की।
हरदोई में पाली थाना क्षेत्र के गांव रामापुर मिश्र में मुनिराज (22) और लोनार के संगरावा पोस्ट सराय राघव निवासी राजेंद्र सिंह (50) और इटावा के जसवंतनगर स्थित जैनपुरनागर की मुलादेवी (70) की बिजली गिरने से जान चली गई। कानपुर देहात में भी गिरी बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। इसी तरह कच्ची दीवार गिरने से मलबे में दबकर चार लोगों की मौत हो गई। इनमें औरैया में फफूंद निवासी राजेंद्री(65) और उन्नाव के थाना गांव निवासी अब्दुल गफ्फार की पत्नी जमीला (80), आसीवन के बारीथाना के श्रीराम (70), बीघापुर के गांव कटरा की गोमती (48) शामिल हैं। जालौन के माधौगढ़ में भी आठ कच्चे मकान गिरने किसानों की गृहस्थी का नुकसान हुआ। शाहजहांपुर के बंडा में हेतमनगला के छोटेलाल की पौत्री शीतल (13) की मलबे में दबकर मौत हो गई। वह कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कक्षा आठ की छात्रा थी। वहीं, पीलीभीत के गांव सिमरया में दीवार गिरने से रोहित के सात माह के पुत्र अर्पित की मलबे में दबकर मौत हो गई।
मुरादाबाद में कई स्थानों पर कच्चे मकानों की छत गिरने से बच्चों समेत कई लोग घायल हो गए हैं। आगरा के खंदौली में मलबे में दबने से एक वृद्धा की मौत भी हो गई। बाजरा, धान और सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई हैं। हाईवे से लेकर गांव की गलियों और अस्पताल, स्कूलों में जलभराव हो गया है। 24 घंटे के दौरान खंदौली, खेरागढ़, अछनेरा, बरहन, फतेहपुर सीकरी में घर गिर गए। पिनाहट में विद्युत उपकेंद्र की जर्जर छत से पानी टपकने के कारण करीब 36 गांवों की आपूर्ति ठप है। वहीं चंबल नदी भी उफनाने लगी है। 24 घंटे में करीब 4 मीटर जलस्तर बढ़ गया है।
फिरोजाबाद में सरस्वती नगर में भगवान शिव का मंदिर धरासायी हो गया। शिकोहाबाद में मक्खनपुर के गांव साढ़ूपुर में एक घर और प्राथमिक विद्यालय की दीवार गिर गई। डंडियामई में देवी मंदिर बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया। हाथरस के ढकपुरा में बारिश की वजह से घर में करंट फैलने से गंगाशरण की पत्नी सरला (40) और उनके बेटे नरेंद्र उर्फ अभिषेक (17) की मौत हो गई।
अलीगढ़ में कोल के मडराक नौहटी के नरेश बघेल (30), अतरौली के सिमथला के बादशाह सिंह बेटी नंदनी (12), इगलास के गदाखेड़ा के लाला राम (60) और मडराक के अखन रूस्मपुर के धर्मवीर सिंह के बेटे मोहित (19) की मलबे में दबने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए।
गाजियाबाद के मसूरी के आकलपुर में मकान की छत गिरने से शकुंतला (90) की जान चली गई। बुलंदशहर के नरौरा के गांव रतुआनगला में पवन (14) और छतारी के गांव बरकातपुर में गायत्री (70) की मौत हो गई, जबकि 14 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। गोरखपुर में बारिश से उफनाई राप्ती नदी में नाव पलटने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर में बिजली गिरने से तीन लोगों की जान चली गई।
पूरे प्रदेश में अस्पताल अलर्ट पर
मौसम विभाग की ओर से सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी होने के बाद पूरे प्रदेश के अस्पतालों को भी अलर्ट मोड पर कर दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने देर रात इसे लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने निर्देश दिया कि अलर्ट को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी अधिकारी, मेडिकल कॉलेज, संस्थान, अस्पताल, सीएमओ, डॉक्टर्स एवं सभी संबंधित स्टॉफ आपातकालीन सेवा हेतु तैयार रहे।
सीएम योगी का निर्देश- मैदान में उतरें अफसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण करने के लिए खुद मैदान में उतरने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से राहत सामग्री वितरित करें। जनहानि पर शासन से अनुमन्य राहत राशि पीड़ित परिवार को शीघ्र दें। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा स्थानीय स्तर पर भी टीमों को अलर्ट किया जाए। विभागीय मंत्री भी भौतिक निरीक्षण करें। राजस्व टीमें फसलों के नुकसान का आकलन करें। किसानों की मदद के लिए सरकार तैयार है।
45 जिलों में बारिश का अलर्ट, कई जगह बाढ़, लाखों लोग प्रभावित
मौसम विभाग के अनुसार एक से 9 अक्तूबर के बीच यूपी में 92.3 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य से 76.9 मिमी ज्यादा है। पश्चिमी यूपी के मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद समेत कई जिलों में बारिश से नदिया उफान पर हैं। बिजनौर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर से सिर्फ दो मीटर नीचे रह गया है। वहीं, कालागढ़ डैम में जलस्तर 355 मीटर के ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ के चलते फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। धान गिर गई है तो गन्ने का भी यही हाल होने लगा है। जहां आलू बोया जा चुका है उसके सड़ने का डर पैदा हो गया है।
बलरामपुर के शहरी इलाकों में चल रही नाव
अवध के जिलों गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर व बाराबंकी में सैकड़ों गांव पानी से घिर चुके हैं। बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान 104.620 मीटर से 130 सेमी ऊपर बह रही है। यहां भड़रिया बांध शनिवार देर रात करीब 400 मीटर तक कट गया। इससे 430 गांवों के साथ शहर में भी पानी पहुंच गया। 200 गांव टापू बन गए। शहरों में दुकानें बंद करनी पड़ीं। सदर तहसील से कलेक्ट्रेट तक पानी भर गया है। कई मोहल्लों में नावें चल रही हैं।
कहां क्या हालात
अयोध्या में सरयू खतरे के निशान से 20 सेमी ऊपर तो गोंडा में 56 सेमी ऊपर बह रही है। गोंडा में दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। सीतापुर के रेउसा/रामपुर मथुरा समेत कई इलाके जलमग्न नजर आ रहे हैं। अंबेडकरनगर में सरयू का जलस्तर प्रति घंटे एक सेमी बढ़ रहा है। वहीं, श्रावस्ती में राप्ती का जलस्तर जमुनहा के राप्ती बैराज पर खतरे के निशान से अभी 110 सेमी अधिक है। बहराइच में नेपाल से 4.65 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से 130 गांव बाढ़ से घिर गए हैं।
कहां कितने प्रभावित…
बलरामपुर में 5 लाख, श्रावस्ती में 3 लाख, बहराइच में 2 लाख, बाराबंकी में 1.5 लाख, सीतापुर 85 हजार, गोंडा में 5 हजार आबादी।
धान, आलू को नुकसान, आम के लिए फायदेमंद
‘भारी बारिश ने सरसों, गाजर, मूली, चुकंदर, धनिया, सोया, पालक, मेथी की बोआई की तैयारियों को चौपट कर दिया है। धान, ज्वार, बाजरा व सफेद तिल के लिए यह बारिश बेहद नुकसानदायक है। ज्यादा बारिश में आलू का बीज सड़ जाता है। हालांकि आम की फसल के लिए बारिश फायदेमंद है। पेड़ों की धुलाई हो गई है, जिससे कीटों के हमले का खतरा कम हो गया है। जो पनप चुके थे वो मर गए।’
– डॉ. सत्येद्र कुमार सिंह, कृषि विशेषज्ञ, चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय
किसानों में निराशा
लखनऊ के गोसाईंगंज-मोहनलालगंज की नगर पंचायत नगराम और निगोहां के किसानों का कहना है कि जहां-जहां फसलें कटने को तैयार थीं, उनका बहुत नुकसान हुआ है। मन्ना सिंह कहते हैं कि फूल ले रही उड़द, मूंग की फसल चौपट हो गई है। पानी के कारण तिल की फसल भी खराब हो चुकी है। धान तो गिरा पड़ा है।