इस वर्ष बाबा केदारनाथ धाम के लिए संचालित हेली सेवाओं ने जहां अच्छा खासा कारोबार किया है तो वहीं साइबर ठगों ने टिकट बुकिंग के नाम पर यात्रियों को भी ठगा है। इसके मामले अक्सर सामने आते रहते हैं, जिससे यात्री परेशान हाे रहे हैं और बवाल मच रहा है।
केदारनाथ यात्रा पर संचालित हेली सेवाओं के टिकट जारी करने की जिम्मेदारी यूकाड़ा ने जीएमवीएन को दी है। ऑनलाइन टिकट के साथ ही ऑफलाइन टिकट जीएमवीएन ही जारी करता है लेकिन इस वर्ष मई- जून माह में भी इस प्रकार ठगी की घटनाएं होने के उपरांत भी इनकी पुनरावृत्ति सितंबर-अक्टूबर माह में भी कम नही हो पाई हैं।
मध्य प्रदेश से आए 6 लोगों के ग्रुप ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन टिकट बुक कराया था, जिसमें उन्हें पवन हंस हेली सेवा का टिकट जारी हुआ है। उन्हें पवन हंस हेली ऑफिस में जानकारी ली गई जहां उन्हें पता चला उनके साथ फ्रॉड हुआ है। जीएमवीएन और हेली ऑपरेटर उन्हें सही जानकारी नही दी गई। दोनों ने उन्हें कुछ भी बोलने से मना किया। गुरुवार को तीन ग्रुप इस प्रकार की ठगी के शिकार हुए थे।ये
तीनों ग्रुप पवन हंस के नाम पर ठगे थे। यात्रियों ने जीएमवीएन पर आरोप लगाया कि चारधाम यात्रा पर भारी तादाद में श्रद्धालु दर्शनों को आते हैं। श्रद्धालुओं को सही जानकारी न होने से वो ठगी के शिकार हो जाते हैं, जीएमवीएन को टिकट आवंटन की सही जानकारी हर प्रदेश तक पहुंचानी चाहिए।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी ने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि हेली टिकट की जो ठगी हो रही है, इस पर अंकुश लगे। इस प्रकार की घटनाओं से केदारनाथ यात्रा पर बुरा असर पड़ता है।
इस बारे में पवन हंस हेली कंपनी के बेस इंचार्ज अनिल उप्रेती ने बताया कि कम्पनी ने इस प्रकार की घटनाओं के लिए पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज की हुई है। साथ कम्पनी ने विभिन्न विज्ञापनों में भी हेली ठगी से बचने के बारे में बताया गया है। केदारघाटी के समस्त व्यवसायियों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस व्यवस्था में शीघ्र ही सुधार किया जाए।