राप्ती बैराज पर स्थिर रहा राप्ती नदी का जलस्तर एक बार पुन: बढ़ने लगा है। शुक्रवार शाम 4.00 बजे राप्ती का जलस्तर फिर बढ़ कर 129.10 मीटर पहुंच गया। इसके चलते जिन गांवों व मार्गों से बाढ़ का पानी कम हो रहा था वहां एक बार पुन: बाढ़ का पानी बढ़ने लगा है। इतना ही नहीं मनिकापुर के मजरा रमनगरा में राप्ती की लहरें गांव में तेजी से कटान कर रही है। ऐसे में ग्रामीण अपने घरों को छोड़ कर मार्ग किनारे डेरा जमाए हुए हैं। जल स्तर बढ़ने के बीच श्रावस्ती प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है।
रेड अलर्ट जारी…
राप्ती में रात को पानी बढ़ने की आशंका है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है। प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार सभी को सूचित किया जाता है कि नेपाल राष्ट्र के कुसुम बैराज के जलस्तर को देखते हुए राप्ती नदी का जलस्तर रात्रि 12 से 2 बजे के बाद 129.50 से ऊपर जा सकता है इस लिए अभी से सावधानी बरतते हुए राप्ती नदी के निकटवर्ती गांवों को सतर्क रहने का संदेश दिया जाता है। ज़िला प्रसाशन लगातार स्थिति पर नज़र बनाये हुए है। किसी प्रकार की कोई लापरवाही न बरती जाए।
-ज़िला प्रशासन, श्रावस्ती
इससे पहले बीते 24 घंटे से नदी अपने उच्चतम जलस्तर 129.00 मीटर पर बह रही थी। यह खतरे के निशान से 130 सेंटीमीटर ऊपर था। राप्ती की धारा भी शुक्रवार को बदलती हुई देखी गई। पानी का दबाव मूल नदी के साथ-साथ लक्ष्मननगर की ओर है। जिसके चलते फोरलेन में दरार देखी जा रही है। कई स्थानों पर पानी फोरेलेन के ऊपर तक आ गया है तो कई स्थानों पर आवागमन बाधित है। एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है। जबकि अधिकारी आपदा को नियंत्रित करने में लगे है।
राप्त नदी इस समय उच्च जलस्तर के कारण रास्ता भी काट रही है। नदी का रुख मौजूदा समय में लक्ष्मननगर की ओर है। पानी के दबाव के कारण लक्ष्मननगर के पहले फोरलेन पर बना पुल का अप्रोच दरक गया है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि 2014 में इसी स्थान पर राप्ती नदी ने अपना रास्ता बनाते हुए यहां के पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया था। नदी फिर से इसी स्थान पर दबाव बना रही है। यदि दबाव और बढ़ा तो नदी का यह नया रास्ता होगा।
फोरलेन के ऊपर बह रहा पानी
नदी का जलस्तर विगत 24 घंटे में खतरे के निशान से 130 सेंटीमीटर ऊपर है। जिसके कारण तिलकपुर व रतनापुर के पास बाढ़ का पानी फोरलेन के ऊपर से बहने लगा है। इन्हीं स्थानों पर पटरी भी कट रही है। आने-जाने वालों को प्रशासन ने सावधान किया है कि वह पटरी के निकट वाहन न चलाएं।
कई तरफ आवागमन बाधित
बाढ़ के चलते भिनगा-तेंदुआ मार्ग पुरी तरह से अवरुद्ध है। अवरोध तेंदुआ गांव के पास बने डिप व भिनगा जंगल में है। यहां पानी सड़क के ऊपर तेज रफ्तार में बह रहा है। ऐसे ही भिनगा मल्हीपुर में मार्ग पर मधवापुर के पास पानी सड़क से कई फिट ऊपर है। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि नीचे सडक़ है या फिर क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे ही बहराइच मल्हीपुर शिकारी चौड़ा के पास भी सड़क अवरुद्ध है। जिससे आवागमन पूर्ण रूप से बाधित है। यही स्थिति राप्ती बैराज से भिनगा रोड का है जहां वर्गा के पास बने डिप पर करीब चार फिट ऊपर तेज रफ्तार से पानी बह रहा है। जिससे यह मार्ग भी पूरी तरह से बंद है।
तीन दिन से बिजली आपूर्ति बाधित
जिले में चार अक्तूबर की रात से बारिश हो रही है। उसी रात जमुनहा क्षेत्र का उपकेंद्र उल्लहवा में जलभराव हो गया था। बाद में जैसे-जैसे बाढ़ की स्थिति भयावह होती गई। यह उपकेंद्र जलमग्न हो गया। जिसके चलते क्षेत्र की आपूर्ति बाधित कर दी गई थी। शुक्रवार तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। जिसके चलते जमुनहा के सभी लोग अंधेरे में हैं। ऐसे ही सिरसिया क्षेत्र में हाई टेंशन लाइन पर पोल गिरने के कारण सिरसिया क्षेत्र की आपूर्ति बाधित है। जिससे दोनों ब्लाकों के पांच लाख से अधिक लोग अंधेरे में हैं।
मोबाइल बंद, कैसे दें प्रशासन को हाल
बाढ़ में प्रशासनिक मदद के लिए प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। लेकिन जमुनहा क्षेत्र में बिजली आपूर्ति न होने के कारण विगत तीन दिनों से लगभग सभी का मोबाइल बंद है। जिसके चलते न तो वह अपनी पीड़ा बता पा रहे हैं और न ही प्रशासन कुछ कर पा रहा है।
जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने किया बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा
बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को पूर्व सांसद व जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्रा कई गांवों में पहुंचे। वहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को अपनी ओर से सहायता पहुंचाई। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से हर संभव मदद पहुंचाने का वादा भी किया। वहीं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में शुक्रवार डीएम नेहा प्रकाश व एसपी अरविंद कुमार मौर्य ने कई स्थानों पर दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने कर्मचारियों को बाढ़ पीड़ितों तक सहायता पहुंचाने को कहा है।
दोबारा बुलानी पड़ी एनडीआरएफ
जिले में अक्तूबर माह में इतनी बरसात विगत 10 वर्ष में कभी नहीं हुई। आंकड़े यह भी बताते हैं कि इस माह में औसत बरसात 56 एमएम तक ही दर्ज की गई है। लेकिन इस बार सारे रिकॉर्ड टूट गए। पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए आपदा आयुक्त के निर्देश पर जिले में तैनात एनडीआरएफ को सितंबर माह में ही वापस कर दिया गया था। वहीं जब बाढ़ आपदा की स्थिति ज्यादा भयावह हो गई तो शुक्रवार को एनडीआरएफ पुन: वापस आई।
48 घंटे में बरसात की स्थिति
पांच अक्तूबर सुबह 8.00 बजे से छह अक्तूबर सुबह 8.00 बजे तक 121.5 एमएम व छह अक्तूबर सुबह 8.00 बजे से सात अक्तूबर सुबह 8.00 बजे तक 58.66 एमएम बरसात दर्ज की गई।
11 अक्तूबर तक बारिश का अलर्ट…
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अब 11 अक्तूबर तक बारिश होने के आसार हैं। शुक्रवार को जारी मौसम बुलेटिन के अनुसार नौ अक्तूबर तक पूरे प्रदेश में हल्की से भारी बारिश की उम्मीद है। वहीं, 10 व 11 अक्तूबर को पश्चिमी यूपी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। लखनऊ में 8 को सामान्य व अगले दिन भारी बारिश के आसार हैं। हालांकि शुक्रवार को बारिश के चलते गिरे पारे और हवाओं ने ठंड का अहसास कराना शुरू कर दिया है।
श्रावस्ती में युवती की डूबने से मौत
जनपद श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। थाना इकौना अंतर्गत राप्ती नदी के तटवर्ती ग्रामो में भी बाढ़ का पानी भरना शुरू हो गया है। शुक्रवार को थाना क्षेत्र के ग्राम दहावर कला के मजरा बभनपुरवा निवासी बच्छराज यादव की 15 वर्षीय पुत्री पुन्नी देवी शाम करीब 5 बजे शौच के लिए बगल के खेत मे गयी थी जहां पैर फिसल जाने से युवती खेत मे गिर गई। वहां राप्ती नदी की बाढ़ का पानी भरा था। पानी मे डूबने से युवती की मौत हो गई।