जलपाईगुड़ी के माल नदी में हादसे के बाद बुधवार रात को एहतियातन प्रतिमाओं के विसर्जन को रोक दिया गया था। मालबाजार की सड़कों पर मां दुर्गा की प्रतिमाएं विसर्जन के इंतजार में खड़ीं मिलीं। बाजार के अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं। इलाके में मातम भरा सन्नाटा पसरा है।
गुरुवार सुबह की दुर्गा प्रतिमाएं कतार में खड़ी नजर आ रही हैं। यह प्रतिमाएं हादसे की वजह से विसर्जित नहीं की जा सकी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार वहां 70 मूर्तियों को विसर्जन के लिए लाया गया था। दुर्घटना होने तक उनमें से 25-30 मूर्तियों ही विसर्जित हो सकी थीं। हादसे के बाद लोग बाकी बची प्रतिमाओं को सड़कों पर छोड़ कर चले गये। एक स्थानीय निवासी ने हादसे को अविश्वसनीय करार देते हुए कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आपदा प्रबंधन टीम की मौजूदगी के बावजूद कैसे इतनी बड़ी घटना घट गई। पूरा मालबाजार इस बात को नहीं समझ नहीं पा रहा है।
दरअसल, बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के कारण पिछले 2-3 दिन से दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान था। निम्न दबाव के प्रभाव में समुद्र से दक्षिण की हवा सीधे पहाड़ों पर पहुंच रही थीं, जिससे बरसात के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही थीं। जलपाईगुड़ी, कालिमपांग में दशमी के दिनी भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी। ऐसे में सवाल यह है कि प्रशासन ने पूर्वानुमानों को दरकिनार कर इतने लोगों की भीड़ को नदी तक पहुंचने की अनुमति कैसे दी गई।
उल्लेखनीय है कि मालबाजार में बुधवार शाम को प्रतिमा विसर्जन के दौरान माल नदी में अचानक पानी बढ़ जाने से अब तक आठ लोगों की मौत हो गई है। तकरीबन 50 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।