Bank Loan : एक हफ्ते में करीब 10 बैंकों ने कर्ज को महंगा कर दिया है। लेकिन जमा पर ब्याज में कुछ ही बैंकों ने बढ़ोतरी की है। वह भी कर्ज की तुलना में काफी कम है। ज्यादातर बैंकों ने 0.50 फीसदी कर्ज महंगा किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 30 सितंबर को रेपो दर 0.50% बढ़ाया था। उसी दिन तीन बैंकों ने कर्ज को महंगा कर दिया था।
5 महीने में लोन लेने वाले ग्राहकों की किस्त में 1.90% का इजाफा हुआ है। उस समय कर्ज पर ब्याज 6.5% था जो अब 8% से ऊपर है। एफडी पर तब 5 से 6% का ब्याज था जो अब भी 6 से 7% ही है। कर्ज जहां 2% के करीब महंगा हुआ, वहीं जमा पर ब्याज 1% ही बढ़ा है।
एचडीएफसी, आईसीआईसीआई का कर्ज 0.50% महंगा
एचडीएफसी लि ने 30 सितंबर को कर्ज 0.50% महंगा कर दिया और एक अक्तूबर से लागू किया। इसका रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (आरपीएलआर) 17.95% है।
होम लोन की न्यूनतम ब्याज दर 8.60 फीसदी है। इसी तरह निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने भी 0.50 फीसदी की बढ़त की थी। इसका बाहरी बेंचमार्क उधारी दर (ईबीएलआर) 9.25 फीसदी पर है।
एसबीआई का ईबीएलआर 8.55%
एसबीआई ने ईबीएलआर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की। इसका ईबीएलआर अब 8.55 फीसदी है।
सरकारी क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने भी आरएलएलआर में 0.50% का इजाफा किया जिससे यह 7.70 से 8.40 फीसदी के बीच पहुंच गया है। हालांकि, इसकी मूल दर (एमसीएलआर) 8.80 फीसदी पर है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का आरएलएलआर बढ़कर 8.45 फीसदी पहुंचा
सरकारी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा का भी आरएलएलआर 0.50 फीसदी बढ़कर 8.45 फीसदी है। आलएलएलआर रेपो से जुड़ी हुई दर है। बैंक ऑफ इंडिया का आरबीएलआर अब 8.75 फीसदी हो गया है जो पहले 8.25 फीसदी पर था। इसने मूल दर में भी 0.20 फीसदी का इजाफा किया है जो अब 9 फीसदी हो गई है।
निजी क्षेत्र के यस बैंक का एमसीएलआर यानी मूल दर अभी 9.25 फीसदी पर है जो पहले 8.75 फीसदी हुआ करती थी।
दूसरी ओर कोटक बैंक, डीसीबी बैंक और इंडियन बैंक जैसे कुछ बैंकों ने एफडी की दरों में मामूली इजाफा किया है जो अब 6 फीसदी से ऊपर पहुंच गई हैं।