उपभोक्ता कार्य विभाग ने कल नई दिल्ली में मूल्य निगरानी पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला मूल्य संग्रह के भौगोलिक कवरेज को बढ़ाने, मूल्य डेटा की गुणवत्ता में सुधार एवं उसके विश्लेषणात्मक परिणाम की पहल का एक भाग थी। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मूल्य डेटा के महत्व के बारे में राज्यों के नोडल अधिकारियों को जागरूक करना, मूल्य संग्रह के लिए कार्यप्रणाली से परिचित कराना और मूल्य रिपोर्टिंग केंद्रों के लिए क्षेत्रीय/राज्य स्तर पर आगामी क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की योजना तैयार करना था।
उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में मूल्य डेटा एकत्र करने तथा उसकी तत्काल सूचना दिए जाने के सराहनीय कार्य के लिए सभी राज्य प्रतिनिधियों की सराहना की। उन्होंने मूल्य निगरानी, रिपोर्ट किए जा रहे मूल्य डेटा की गुणवत्ता और विभिन्न नीतिगत निर्णयों में डेटा का उपयोग करने के तरीके के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राज्य के नोडल अधिकारियों को मूल्य डेटा की गुणवत्ता और नियमितता पर ध्यान देने के लिए कहा। यह भी उल्लेख किया गया था कि देश के सभी जिलों में मूल्य डेटा संग्रह केंद्र होने से सूचनाओं का बेहतर प्रतिनिधित्व हो पाएगा।
पीएमडी के उन्नयन के लिए तकनीकी सहायता एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा प्रदान की जा रही है। श्री कृष्ण सिंह रौतेला के संबोधन में एडीबी द्वारा प्रदान की गई सहायता और सामाजिक सुरक्षा के लिए मूल्य निगरानी के महत्व को भी रेखांकित किया गया था।
तकनीकी सत्रों के दौरान, मूल्य संग्रह ऐप, संग्रह प्रक्रिया में चुनौतियों, तकनीकी सक्षम डेटा प्रदर्शन डैशबोर्ड एवं नीतियों के बारे में व्यापक विवरण पर राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम का समापन राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ विभाग में विकास, मूल्य संग्रह तंत्र के दिशा-निर्देशों और राज्यों में क्षमता निर्माण कार्यशालाओं के संचालन के लिए एक मजबूत मूल्य संग्रह तंत्र के निर्माण के बारे में उनके प्रश्नों का समाधान करके परस्पर बातचीत के साथ हुआ। अपनी समापन टिप्पणी में, उपभोक्ता कार्य विभाग के आर्थिक सलाहकार श्री के गुइटे ने रिपोर्ट किए जा रहे डेटा की गुणवत्ता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संग्रह केंद्र से कीमतों के संग्रह में उनके अपार समर्थन और योगदान के लिए प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।