Search
Close this search box.

जयंत नेत्र भंग और अनुसुइया संवाद देखकर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

Share:

अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से गुरुवार रात लीला के दसवें दिन वेदपुरवॉ मोहल्ले के अन्तर्गत मंचन हुआ। चलाएमान रामलीला ने राजा शम्भूनाथ के बाग में बन्दे वाणी विनायको आदर्श रामलीला मण्डल ने प्रस्तुति दी। कमेटी ने जयंत नेत्र भंग, माता अनुसुईया सम्बाद, अत्रिमिलन, राक्षस बध, नामक लीला का मंचन किया गया।

गुरुवार को लीला के दौरान दर्शया गया कि जिस समय से भरत के अयोध्या आने के बाद श्रीराम अपनी भार्या सीता के साथ थे उसी समय वही इन्द्र का पुत्र जयंत कौवे का रूप बनाकरके सोचा कि अगर श्रीराम भगवान हैं तो इनके बल को अजमाने की कोशिश करता हूं। सीता जी के चरणों में अपने चोच से प्रहार करके भागा। जिससे सीता जी के पैर से खून बहने लगा। सीता जी के चरणो में खून बहता देखकर श्रीराम घबरा गए और एक तृण का अनुसंधान करके जयंत के पीछे छोड़ देते है। जब जयंत (कौवा) ने देखा कि श्रीराम द्वारा छोड़ा तृण मेरा पीछा कर रहा तो वह घबरा कर अपने पिता, ब्रह्मा और शंकर जी के पास अपने सहायता के लिये गुहार लगाता है। ये देवताओं ने जंयत के सारे बातों को सुना तो किसी ने उसके मदद करने की साहस नही किया। निराश होकर वापस लौटता है तो देवर्षि नारद से भेंट हो गई। जयंत ने श्रीराम से बैर के संबंध में सारी बातें बताया तो नारद जी ने कहा हे जयंत तुम श्रीरघुनाथ जी के शरण में जाओ, वही तुम्हरा रक्षा कर सकते है। अतः आप उनके शरण में जाओं इतना सुनते ही जयंत वापस रघुनाथ जी के शरण में जाता है। उसके अवगुणों को ध्यान नहीं देते हुए श्रीराम ने उसके ऊपर दया करके एक ऑख फोड़ करके छोड़ दिया। इसके बाद प्रभु श्रीराम जंगलों, पहाड़ों को पार करते हुए ऋषि अत्रि मुनि के आश्रम पर पहुचते हैं। अत्रिमुनि श्रीराम के आने की सुचना पाते ही ऋषि अत्रि अपने आशन से उठ करके आते है तथा श्रीराम, लक्ष्मण, सीता को आसन देकर उनका स्तुति करते है, उन्हें कन्द मूल देकर फल समर्पित करते है। ऋषि पत्नी अनुसुईया सीता जी को अपने आश्रम के अन्दर ले गयी तथा आसन देकर बैठाया। जो नारी पति को अपमानित करती है वह नरकागामी होती है। कहा गया कि ऐसे पति कर किये अपमाना नारी पायी यमकुर दुख नाना। श्रीराम ऋषि अत्रि मुनि से आज्ञा लेकर घने जंगलों में जाते है तो बीच में कबन्ध नामक राक्षस अपने हाथ को बढाते हुए सीता जी पर प्रहार करता है उसी समय लक्ष्मण अपने तीखे तलवार से उसके हाथ को कई खण्डों में काट डाला तथा श्रीराम ने अपने बाणों से उसका वध कर डाला। इस अवसर पर कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी (बच्चा), पं लवकुमार त्रिवेदी, रोहित कुमार अग्रवाल, बीरेश राम वर्मा, मयंक तिवारी, अजय पाठक (एडवोकेट), राम सिंह यादव, राजकुमार शर्मा उपस्थित रहे।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news