देश को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात की राजधानी गांधीनगर और मुंबई सेंट्रल के बीच स्वदेश निर्मित हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस के नए और उन्नत संस्करण को हरी झंडी दिखाएंगे। यह अपनी तरह की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा।
पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई थी।
15 अगस्त, 2021 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह के दौरान 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेगी।
वंदे भारत ट्रेन की पहचान गति, सुरक्षा और सेवा है। वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति तक चल सकती है। इसमें शताब्दी ट्रेन जैसी यात्रा अपार्टमेंट हैं, लेकिन यात्रियों को इस ट्रेन में बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा। गति और सुविधा के लिहाज से यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए बड़ी छलांग है।
उदाहरण के लिए नई दिल्ली और वाराणसी के बीच निर्धारित आवागमन में लगभग आठ घंटे लगते हैं। इससे यह इन दोनों शहरों को जोड़ने वाली सबसे तेज गति की ट्रेन की तुलना में 40-50 प्रतिशत तेज हो गई।
इसके अलावा वंदे भारत ट्रेन के सभी कोच स्वचालित दरवाजों से सुसज्जित हैं। इसमें एक जीपीएस आधारित आडियो विजुअल यात्री सूचना प्रणाली है। इसमें मनोरंजन प्रयोजनों के लिए ऑनबोर्ड हॉट स्पाट वाई-फाई, और बहुत आरामदायक बैठने की जगह है। इसमें एग्जीक्यूटिव क्लास में घूमने वाली कुर्सियां भी हैं। इसके प्रत्येक कोच में गर्म भोजन के अलावा गर्म और ठंडे पेय परोसने की सुविधाओं के साथ एक पैंट्री की सुविधा है। वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है
देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वर्तमान में दो रूटों नई दिल्ली से कटरा (माता श्री वैष्णो देवी) और नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चल रही है। इस साल की शुरुआत में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने खजुराहो से वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन की घोषणा की थी।