भारत ने आर्मेनिया को मिसाइल, रॉकेट और गोला-बारूद की आपूर्ति करने के लिए महत्वपूर्ण निर्यात आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं क्योंकि आर्मेनिया पड़ोसी अजरबैजान के खिलाफ आत्मरक्षा में लगा हुआ है। इस महीने की शुरुआत में सरकार से सरकार के तहत दोनों देशों के बीच कई अनुबंध हुए हैं। आने वाले महीनों में आर्मेनिया को हथियारों की आपूर्ति की जाएगी। भारत विदेशी ऑर्डर हासिल करने के लिए हथियारों का निर्यात बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रहा है।
अनुबंध के अनुसार ऑर्डर में स्वदेशी पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर का पहला निर्यात शामिल है जो पहले से ही भारतीय सेना के साथ सेवा में हैं। इस शक्तिशाली हथियार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डिजाइन किया है और इसे भारत में निजी क्षेत्र की कंपनियों ने निर्मित किया है। पिनाका रॉकेट की आपूर्ति आर्मेनिया को 245 मिलियन डॉलर के नए हथियारों और बारूद के निर्यात पैकेज का हिस्सा है। आर्मेनियाई सेना ने फिलहाल छह अतिरिक्त पिनाका रेजिमेंट के लिए ऑर्डर दिया है। भारत सौदे के तहत आर्मेनिया को टैंक रोधी रॉकेटों के साथ-साथ गोला-बारूद की एक शृंखला की भी आपूर्ति करेगा। यह पहली बार नहीं है जब आर्मेनिया को भारत से हथियार प्रणालियों का निर्यात किया जा रहा है।
इससे पहले भारत ने 2020 में अनुमानित 350 करोड़ रुपये का सौदा क्षेत्र के प्रतिस्पर्धियों को हराकर आर्मेनिया को चार स्वाति राडार की आपूर्ति करने के लिए हासिल किया था। भारतीय सेना के लिए डिज़ाइन किए गए इन राडार का उपयोग दुश्मन की तोपों के गोले, मोर्टार और रॉकेट को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। दुश्मन के लॉन्चरों पर निगाह रखने के लिए इस राडार को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर सफलतापूर्वक लगाया गया है। भारत 2025 तक विदेशों में 35 हजार करोड़ रुपये के उपकरण बेचने के लक्ष्य के साथ रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्रित प्रयास कर रहा है। पिछले साल भारत का वार्षिक रक्षा निर्यात 13 हजार करोड़ रुपये के करीब था, जो मुख्य रूप से निजी क्षेत्र के रक्षा उद्योग से संचालित किया गया था।
भारत और आर्मेनिया ने इसी साल 18 फरवरी को विदेश कार्यालय स्तर के विचार विमर्श के 9वें दौर की बैठक डिजिटल माध्यम से की थी। इसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) रीनत संधु और आर्मेनियाई पक्ष का नेतृत्व विदेश उप मंत्री एम सफरयान ने किया था। दोनों पक्षों के बीच मित्रतापूर्ण एवं सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत हुई और अगले दौर का विचार विमर्श करने पर सहमति व्यक्त की। बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक क्षेत्र एवं विकास गठजोड़, क्षमता निर्माण, राजनयिक मामले, सांस्कृतिक सहयोग आदि मुद्दों पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र सहित बहुस्तरीय मंचों पर सहयोग मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की थी।