पूरे प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए काम चल रहा है। मैनपुरी की खराब प्रगति में भी अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में चल रहे गोल्डन कार्ड अभियान में बीते एक सप्ताह में 25 हजार कार्ड बनाए गए। इसके साथ ही प्रदेश में मैनपुरी चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
प्रत्येक माह विकास कार्यों के आधार पर जिले की रैंकिंग जारी की जाती है। इसमें उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की प्रगति आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने में खराब थी। मैनपुरी में भी ये डी श्रेणी में था। बीते माह कुछ गोल्डन कार्ड बने तो ये सी श्रेणी में पहुंच गया। बाकी सभी बिंदुओं में मैनपुरी ए श्रेणी में है। इसे देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने गोल्डन कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाने के आदेश दिए थे। खुद अपनी देखरेख में उन्होंने इस पूरे अभियान को संचालित कराने का निर्णय लिया।
ग्राम पंचायतवार दिया गया लक्ष्य
इसके लिए पंचायत सहायक, आशा, एएनएम व अन्य स्थास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ग्राम पंचायतवार गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इसकी लगातार निगरानी भी की गई। ये अभियान कारगर साबित हुआ और एक सप्ताह में ही जिले की स्थिति बदल गई है। मैनपुरी 25 हजार गोल्डन कार्ड के साथ प्रदेश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। ये आंकड़ा 20 सितंबर से 26 सितंबर तक बनाए गए गोल्डन कार्ड का है।
पांच हजार और बनाए जा चुके हैं गोल्डन कार्ड
लगातार चल रहे गोल्डन कार्ड अभियान में 26 सितंबर के बाद पांच हजार गोल्डन कार्ड और बनाए जा चुके हैं। अब अगली सप्ताह जारी होने वाली सूची में जिले में और सुधार की उम्मीद है।।
मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि गोल्डन कार्ड बनाने के लिए जिले में अभियान चलाया जा रहा है। लक्ष्य है कि सितंबर के प्रथम सप्ताह तक सौ प्रतिशत गोल्डन कार्ड जारी कर दिए जाएं। वर्तमान में जिला प्रदेश में चौथे स्थान पर है।