भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को समावेशी बनाने और सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर बल दिया है। भारत भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लंबे समय से लंबित सुधारों के साथ ही सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनने के लिए अपनी दावेदारी रखता है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की जरूरत बताई है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अपने अमेरिकी समकक्ष ब्लिंकन के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता में इन मुद्दों को रखा। ब्लिंकन ने कहा कि हमारा मानना है कि जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं, उनसे निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को न केवल उसके चार्टर का पालन करना चाहिए, बल्कि सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी बनाने सहित संस्थान का आधुनिकीकरण भी करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महासभा में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी सुरक्षा परिषद के स्थायी व अस्थायी दोनों प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के कदम का समर्थन किया था, जिसकी भारत लंबे समय से मांग कर रहा है। ब्लिंकन ने कहा कि इसमें उन देशों को स्थायी सदस्यता देना शामिल हैं, जिनका हमने लंबे समय से समर्थन किया है। हम अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियाई देशों को स्थायी सदस्य बनाए जाने का भी समर्थन करते हैं।
जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार विशेष रूप से एक वाजिब मुद्दा है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर अमेरिका के सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हैं, जो खुद राष्ट्रपति बाइडन के विचारों में परिलक्षित होता है। हम इसे और आगे ले जाने के वास्ते अमेरिका के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं।