रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड की उपाध्यक्ष (कमोडिटी एवं मुद्रा अनुसंधान) सुगंधा सचदेवा ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के बीच आरबीआई की ओर से सीमित हस्तक्षेप से रुपये में बिकवाली का मौजूदा दौर चल रहा है।
डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को पहली बार 82 के स्तर से नीचे पहुंच गया और आखिर में 40 पैसे टूटकर 81.93 के सार्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने और निवेशकों के जोखिम वाले बाजारों में पूंजी लगाने से बचने की वजह से रुपये में गिरावट आई।
सचदेवा ने कहा कि बाजारों में जोखिम से बचने की धारणा के बीच रुपया और गिरकर नए निचले स्तर पर पहुंच गया। घरेलू शेयर बाजारों के टूटने और डॉलर सूचकांक के 20 साल के उच्च स्तर 115 के महत्वपूर्ण स्तर के करीब पहुंचने से भी स्थानीय मुद्रा में गिरावट आई। वैश्विक मंदी की आशंका से इस साल ज्यादातर एशियाई मुद्राओं में गिरावट आई है, जबकि अमेरिकी डॉलर 19.50 फीसदी मजबूत हुआ है।
वैश्विक बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में नरमी से दिल्ली सराफा बाजार में बुधवार को सोना 435 रुपये सस्ता होकर 49,282 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। चांदी भी 1,600 रुपये सस्ती होकर 54,765 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले सत्र में सोना 49,717 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना नरमी के साथ 1,615.7 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो अप्रैल, 2020 के बाद का निचला स्तर है।
शेयर बाजारों में लगातार छठे दिन गिरावट, सेंसेक्स 57,000 के नीचे
घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को छठे दिन भी गिरावट रही। वैश्विक बाजारों में कमजोरी और लगातार पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट बनी हुई है। सेंसेक्स 509.24 अंक गिरकर 56,598.28 और निफ्टी 148.80 अंक लुढ़ककर 16,858.60 पर बंद हुआ। निवेशकों की पूंजी 1.73 लाख करोड़ घटकर 268.42 लाख करोड़ रह गई। सेंसेक्स की 30 में 18 कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 3,039.94 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।