एनआईए, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की गहमा-गहमी के बीच जामिया नगर और शाहीनबाग एरिया में तनाव बढ़ गया। कुछ लोगों ने तो बीती देर रात एरिया में कर्फ्यू लगा होने तक की अफवा उड़ा दी। बाद में पता चला कि इलाके में कर्फ्यू नहीं धारा-144 लगी हुई है। दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता और पुलिस उपायुक्त सुमन नलवा ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि हालात को देखते हुए इलाके में धारा-144, 19 सितंबर को ही लगा दी गई थी। इसका मंगलवार हुई छापेमारी से कोई लेना देना नहीं है। फिलहाल पूरे ओखला इलाके में 60 दिन के लिए 144 को लगाया गया है।
कुछ इस तरह हुई थी कर्रवाही
मंगलवार तड़के जब शाहीन बाग और जामिया नगर के लोग सोकर उठे तो उन्होंने अपने इलाके में पुलिस, अर्द्धसैनिक बलों के अलावा एनआईए की टीम को पाया। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस लोगों की भीड़ भी नहीं जुटने दे रही रही थी। पुलिस बल की भारी मौजूदगी में एरिया में अफवा फैल गई। सुबह 6.00 बजे तक संयुक्त टीमों ने शाहीनबाग और जामिया नगर से कुल 12 लोगों को हिरासत में ले लिया था। बाद में उनको जामिया नगर थाने लाकर पूछताछ हुई।
देर शाम तक पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की थी। शाहीनबाग व जामिया नगर के अलावा निजामुद्दीन, रोहिणी, बाहरी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली व उत्तरी दिल्ली में भी इसी तरह की छापेमारी की गई। पुलिस पुलिसकी ओर से सभी जगहों से कुल 30 लोगों को हिरासत में लेने की बात की गई।
शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात
पुलिस को खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिले थे कि पीएफआई पर एक्शन के बाद दिल्ली का माहौल खराब किया जा सकता है। इसी को देखते हुए लगभग पूरी राजधानी ही सुरक्षा व्यस्था को बढ़ा दिया गया। मंगलवार हुई कार्रवाई के बाद जामिया नगर, शाहीन बाग समेत दूसरे इलाके में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है।
बुधवार सुबह जामिया नगर और शाहीन बाग इलाके में गश्त करने के अलावा फ्लैग मार्च भी निकाला गया। स्थानीय पुलिस लगातार इलाके की आरडब्ल्यूए के अलावा अमन कमेटी के लोगों के संपर्क में है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना इलाके को बदनाम करने के लिए हो रही कार्रवाही…
मंगलवार हुई कार्रवाई के बाद से जामिया नगर और शाहीन बाग के लोगों में खासा रोष है। जामिया में रहने राजीव ने बताया कि इलाके को बदनाम करने की नीयत से ऐसा किया जा रहा है। जो लोग देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, उन पर पुलिस कार्रवाई करे।
शाहीन बाग निवासी व एक दूतावास में काम करने वाले सलीम ने बताया कि एनआईए और पुलिस पूरे इलाके के बेकसूर लोगों को परेशान करने की नीयत से कार्रवाई कर रही है। हमेशा से इलाके को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जाता रहा है। वहीं बेकरी चलाने वाले तोफिक ने बताया कि इलाके के लोगों को पीएफआई से कोई संबंध नहीं है। यदि वह देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं तो उनके खिलाफ जरूर कार्रवाई होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि टेरर फंडिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर एनआईए व दूसरी एजेंसियों ने देश के कई राज्यों में मंगलवार को छापेमारी की। दिल्ली के शाहीनबाग, जामिया नगर और निजामुद्दीन समेत आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर एनआईए व दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, अपराध शाखा, स्पेशल ब्रांच और स्थानीय पुलिस के अलावा एनआईए ने अलग-अलग स्थानों से कुल 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया। सूत्रों का कहना है कि इन सभी का पीएफआई से सीधा संबंध है। पुलिस की टीम ने आरोपियों के ठिकानों से भारी मात्रा में दस्तावेज, मोबाइल व दूसरा सामान बरामद किया था।