सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला परिसर में सोमवार से फिल्मी कलाकारों की रामलीला का मंचन शुरू हो गया। पहले दिन फिल्मी सितारों ने शंकर-पार्वती संवाद, नारद मुनि समाधि भंग संवाद समेत कई प्रसंगों का मंचन किया। गणेश वंदना के साथ शुरू हुई रामलीला की भव्यता देखते ही बन रही थी। करीब 25 मिनट तक चली गणेश वंदना में संगीत, तकनीक और कलाकारों के अभिनय कौशल का नजारा दिखा।
अयोध्या की रामलीला का यह तीसरा संस्करण है। इसमें पहली बार दर्शकों के आने की अनुमति मिली है। रामलीला मंचन के क्रम में कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माता पार्वती एक-दूसरे से संवाद कर रहे होते हैं। कैलाश पर्वत की तरह सजा मंच भव्यता बढ़ा रहा था। माता पार्वती के निवेदन करने पर भगवान शंकर राम कथा सुनाते हैं। शिव-पार्वती संवाद के साथ ही मंच पर रामकथा की भाव भूमि सजती दिखी।
भगवान शिव कहते हैं कि जब जब होई धरम कै हानि। बाढ़हिं असुर अधम अभिमनी। तब तब प्रभु धरि विविध शरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा…।
हे पार्वती जब-जब धर्म की हानि होती है और नीच, अभिमानी असुर बढ़ जाते हैं तब कृपानिधि श्रीहरि अनेक प्रकार का शरीर धारण कर भक्तों की पीड़ा हरते हैं। मंचन के दूसरे दृश्य में नारद जी का प्रवेश होता है।
तीसरे दृश्य में मंच पर सजा इंद्र का दरबार अलौकिक शोभा बढ़ाता नजर आ रहा था। इंद्र व कामदेव के संवाद भी रहा। इंद्र ने कामदेव से नारद मुनि की समाधि भंग करने को कहा। पहले दिन की रामलीला का समापन रावण की तपस्या की लीला मंचन से हुआ।
इससे पूर्व पहले दिन की रामलीला का उद्घाटन कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने किया। रामलीला के महासचिव शुभम मलिक ने सांसद का स्वागत किया। नारद की भूमिका में गुफी पेंटल, रावण की भूमिका में शाहबाज खान ने अपने संवाद व अभिनय से आकर्षण चुराया।
गणेश वंदना के साथ रामलीला का प्रारंभ हुआ। पिछले दो वर्षों में कोरोना के प्रकोप के कारण दर्शकों के लिए अनुमति नहीं दी गई थी। इस बार दर्शक मौजूद हैं।
भगवान विष्णु व नारद मुनि संवाद ने दर्शकों को गुदगुदाने के साथ ही भक्ति भाव से भर दिया।
मंझे हुए कलाकार गूफी पेंटल ने नारद मुनि का किरदार निभाया। उन्होंने महाभारत जैसे सीरियल में शकुनि का किरदार निभाया था।
नारद मुनि समाधि भंग संवाद का मंचन।
शाहबाज खान ने रावण का किरदार निभाया और अपने अभिनय व संवाद अदायगी से लोगों को आकर्षित किया।